370 हटने के बाद बिहार के IAS नवीन चौधरी को मिला कश्मीर में पहला आवासीय सर्टिफिकेट

अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद बिहार के IAS नवीन चौधरी को मिला पहला डोमिसाइल सर्टिफिकेट

पटना. बिहार के IAS अधिकारी नवीन कुमार चौधरी (Naveen Kumar Chaudhary) अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद बाहरी राज्य से आकर जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासी बनने वाले देश के पहले व्यक्ति बने हैं. दरभंगा के मंझौलिया निवासी इस अधिकारी को निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है. ऐसा पहली बार हुआ है  कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के बाहर के किसी व्यक्ति को निवास प्रमाण पत्र जारी हुआ है. जारी दस्तावेज के अनुसार चौधरी को डोमिसाइल सर्टिफिकेट जम्मू की बाहु तहसील के तहसीलदार डॉ रोहित शर्मा ने जारी किया है.

दरभंगा के हायाघाट प्रखण्ड के मझौलिया गांव रहने वाले नवीन कुमार चौधरी के पिता का नाम श्री देवकांत चौधरी और मां-वैदेही देवी है. चार भाई और एक बहन में नवीन चौधरी सबसे बड़े हैं.  1994 बैच के यूपीएससी परीक्षा में उन्हें 6ठवां रैक मिला था. उनकी प्रारंभिक पढ़ाई गांव के मझौलिया मध्य बुनियादी विधायलय में हुई है.  ललितेश्वर मधुसूदन हाई स्कूल से मैट्रिक पास करने के बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से स्नातक किया था.  वर्तमान में ऐग्रिकल्चर डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल सेक्रेटरी हैं.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर डोमिसाइल कानून के तहत 15 साल से रहने वाले नागरिकों को यह सर्टिफिकेट हासिल करने का अधिकार है. आइएएस अधिकारी नवीन चौधरी 25 साल की उम्र में जम्मू-कश्मीर का कैडर हासिल कर बिहार से आए थे. 26 साल बाद वह जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिक बन गए हैं.

इस बीच सोशल मीडिया पर नवीन कुमार चौधरी का डोमिसाइल सर्टिफिकेट वायरल हो रहा है. नवीन चौधरी को यह सर्टिफिकेट जम्मू-कश्मीर ग्रांट डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रोसिजर) रूल्स 2020 के नियम 5 के तहत जारी किया गया है. केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के अंत के बाद जम्मू-कश्मीर में नए (संशोधित)को मंजूरी दी थी। इसमें उन लोगों को स्थायी निवासी के रूप में मान्यता दी गई थी जो कि 15 साल से जम्मू-कश्मीर में रह रहे हों या जिन लोगों ने यहां पर सात साल तक पढ़ाई की हो और इसी राज्य के स्कूलों में 10वीं एवं 12 की परीक्षा दी हो.

बता दें कि नरेंद्र मोदी – 2 की केंद्र सरकार ने संसद में नया कानून बनाया जिसके तहत जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. बिल के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर से सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया और कहा कि, जम्मू-कश्मीर दिल्ली और पुडुचेरी की तरह होगा, जिसमें विधानसभा में होगी.

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