5 साल के इस बच्चे को क्या पता- पिता देश के लिए शहीद हो गए…बिहार के लाल और सहरसा के बेटे को नमन

पांच साल के इस बच्चे को क्या पता- पिता देश के लिए शहीद हो गए…

गलवन घाटी में शहीद हुए सहरसा जिले के आरण गांव के जवान कुंदन कुमार को उनके गांव से शुक्रवार को अंतिम विदाई दी गई। अंतिम यात्रा निकालने से पूर्व सेना के जवानों के साथ उनकी पत्नी ने उन्हें सलामी दी। शहीद के बड़े पुत्र पांच साल के रोशन कुमार से पिता को मुखाग्नि दिलवाई गई।

शहीद के पांच साल के मासूम पुत्र रोशन को क्या पता था कि उसके पिता अब कभी उठकर उसे नहीं दुलारेंगे। मुखाग्नि की रस्म अदा करते वक्त वह फूट-फूट कर रो पड़ा, चिल्लाने लगा पापा को आग मत लगाओ, मेरे पापा जल जाएंगे…। वहीं खड़ा उसका चार साल का छोटा भाई राणा भी सुबक रहा था। यह दृश्य देख वहां मौजूद लोगों का कलेजा फटा जा रहा था।

केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में चीनी सैनिकों से हुई हिं/सक झ/ड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत में कुंदन का नाम दर्ज होने से जहां आरण गांव के ग्रामीणों को फक्र है, वहीं उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। शहीद कुंदन कुमार को शुक्रवार को सुबह नौ बजे राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी।

जिलाधिकारी कौशल कुमार ने अंत्येष्टि स्थल पर वाटरप्रुफ पंडाल और लोगों के बैठने हेतु शारीरिक दूरी का पालन करते हुए 15 पर्याप्त मात्रा में कुर्सी लगाने, 15 पुष्पचक्र के अलावा पर्याप्त मात्रा में पुष्पमाला की व्यवस्था तथा आए हुए सेना के पदाधिकारी एवं जवानों के आवासन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सदर एसडीओ व एसडीपीओ को विधि-व्यवस्था का संपूर्ण प्रभार प्रदान करते हुए दंडाधिकारी व पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति का आदेश दिया है। सत्तरकटैया सीओ व बिहरा थानाध्यक्ष के साथ वरीय उपसमाहर्ता रविन्द्र कुमार को जिले की सीमा से पार्थिव शरीर को उनके पैतृक स्थान लाने का निर्देश दिया गया है।

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