इन पांच मंदिरों में सिर्फ महिलाएं ही कर सकती है पूजा, पुरुषों की एंट्री है बैन

भारत के इन 5 मंदिरों में पुरुषों की एंट्री है बैन, महिलाएं ही कर सकती हैं पूजा : भारत में कई हजार मंदिरों (Temples) का समागम है. भक्त मंदिरों में जाते हैं, ईश्वर की पूजा करते हैं और मन्नतें मांगते हैं. इन मंदिरों से कई धर्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं. हमारे देश में ऐसे कई मंदिर या धार्मिक स्थल हैं, जहां महिलाओं (Women) को जाने की अनुमति नहीं होती लेकिन क्या आपको पता है देश में ऐसे भी कई मंदिर हैं जहां पुरुषों (Men) की एंट्री बैन है. वहीं कई मंदिर ऐसे भी हैं जहां किसी खास समय पर पुरुष पूजा नहीं कर सकते. आइए आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में.

ब्रह्मा मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है. भगवान ब्रह्मा का ये मंदिर आपको पूरे भारत में सिर्फ यहीं मिलेगा. इस मंदिर को 14वीं शताब्दी में बनाया गया था, जहां शादीशुदा पुरुषों का आना बिल्कुल मना है. ऐसा माना जाता है कि देवी सरस्वती के श्राप की वजह से यहां कोई भी शादीशुदा पुरुष नहीं जा सकता. इसलिए पुरुष सिर्फ आंगन से ही हाथ जोड़ लेते हैं और शादीशुदा महिलाएं अंदर जाकर पूजा करती हैं.

कन्याकुमारी के भगवती देवी मंदिर में मां भगवती की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए मां यहां एक बार तपस्या करने के लिए आई थीं. भगवती माता को संन्यास देवी भी कहते हैं. इसलिए सन्यासी पुरुष इस गेट तक ही मां के दर्शन कर सकते हैं. वहीं शादीशुदा पुरुषों को इस मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है. यहां सिर्फ महिलाएं ही पूजा कर सकती हैं.

कामाख्या मंदिर असम के गुवाहाटी में स्थित है. कामाख्या मंदिर नीलांचल पर्वत पर बना हुआ है. माता के सभी शक्तिपीठों में से कामाख्या शक्तिपीठ का स्थान सबसे ऊपर है. माता के माहवारी के दिनों में यहां उत्सव मनाया जाता है. इन दिनों मंदिर में पुरुषों की एंट्री बिल्कुल बैन होती है. इस दौरान यहां की पुजारी भी एक महिला होती है.

केरल में स्थित चक्कुलाथुकावु मंदिर में मां दुर्गा की पूजा की जाती है. इस मंदिर में हर साल पोंगल के दिन नारी पूजा की जाती है. यह 10 दिनों तक चलता है. इस मंदिर में पुरुषों का आना बिल्कुल मना है. वहीं कन्या पूजा के आखिरी दिन पुरुष, महिलाओं के पैर धोते हैं.

जोधपुर के संतोषी माता मंदिर में शुक्रवार के दिन पुरुषों की एंट्री बैन है. अगर पुरुष बाकी दिनों में मंदिर जा रहे हैं, तो सिर्फ मंदिर के दरवाजे पर खड़े होकर माता के दर्शन कर सकते हैं, लेकिन पूजा नहीं कर सकते. शुक्रवार का दिन मां संतोषी का दिन होता है और इस खास दिन पर महिलाएं व्रत रखती हैं. इस दिन पुरुष यहां नहीं आ सकते.

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