बिहार के लिए आज से चलेगी रोज 50 ट्रेनें, 8 लाख मजदूरों को पहुंचाया जायेगा घर, नहीं होगी परेशानी

PATNA : अगर आप इस लाकडाउन में दिल्ली-मुम्बई सहित देश के किसी भी कोनो में फंसे हैं तो आपके लिए खुखखबरी है, बिहार सारकार के कहने पर केंद्र की मोदी सरकार और रेल मंत्रालय ने रोज पचास ट्रेने चलाने जा रही है….

राज्य में मंगलवार से 27 मई तक हर दिन 50 ट्रेनों से प्रवासी बिहार लौटेंगे। परिवहन विभाग ने लौटने के इच्छुक हर प्रवासी को वापस लाने के लक्ष्य पर काम शुरू कर दिया है। सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई प्रेस कांफ्रेंस में परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि 27 मई तक 18 प्रदेशों से आठ लाख प्रवासियों को वापस लाया जाएगा।

परिवहन सचिव ने बताया कि रविवार तक 320 ट्रेनों से 4.25 लाख प्रवासी बिहार लौटे थे। वहीं सोमवार को 45 ट्रेनों के जरिए 75 हजार लोग बिहार आए हैं। 90 हजार बसों और दूसरे माध्यमों से से भी पहुंचे हैं।

दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु समेत 18 राज्यों के साथ प्रवासियों को बिहार लाने के लिए बातचीत कर ट्रेन चलाने पर सहमति बना ली गई है। परिवहन सचिव ने कहा कि सरकार पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर रही है ताकि लॉकडाउन में फंसे अधिक से अधिक लोगों को बिहार लाया जा सके।

आने वाले दिनों में रोज 1 लाख तक प्रवासी आने लगेंगे। मंगलवार से हर दिन 50 ट्रेन चलाने का फैसला लिया गया है। बसों या अन्य माध्यमों से लोगों को सीमा पर से गंतव्य तक पहुंचाने के लिए कर्मनाशा से 5, गोपालगंज से 5 और दानापुर से 1 ट्रेन चलाने का फैसला किया गया है। बाॅर्डर से प्रवासी श्रमिकों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए जो भी बसें और ट्रेन चलाई जा रही है, उसका भुगतान राज्य सरकार कर रही है।

परिवहन सचिव ने कहा कि राजधानी एक्सप्रेस से लौटने वाले यात्री सफर से पहले ही ओला या उबर के एप से गंतव्य तक जाने की एडवांस बुकिंग करा सकते हैं। प्रवासियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। संक्रमण लक्षण दिखने पर उनके सैंपल की जांच की जाती है। प्रवासियों के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। संजय कुमार, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग

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