सर्वे : 61% लोगों ने माना मोदी सरकार में देश गलत राह पर जा रहा, 46% को चाहिए नौकरी

सर्वे / 46% शहरी भारतीयों के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ी चिंता, 61% लोगों ने माना- देश गलत राह पर जा रहा

नई दिल्ली. भारत में बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ रही है। सर्वे के मुताबिक, 46% शहरी भारतीयों में बेरोजगारी का मुद्दा बड़ी चिंता के तौर पर सामने आया। शुक्रवार को जारी हुई मार्केट रिसर्च कंपनी इप्सोस की रिपोर्ट ‘वॉट वरीज द वर्ल्ड’ के मुताबिक, अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में 3% शहरी भारतीयों की चिंताएं बेरोजगारी को लेकर बढ़ गई। वहीं, बाकी लोगों ने भविष्य को लेकर निराशा जताई। सर्वे में61% लोगों ने वोटिंग भी की, जिसमें उन्होंने माना कि देश गलत राह पर जा रहा है।सर्वे में 20 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इसेदुनिया के 28 देशों में इप्सोस ऑनलाइन पैनल प्रणाली के जरिए किया गया।

सर्वे कंपनी केपारिजात चक्रवर्ती ने कहा, “सरकार को रोजगार पैदा करने पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है क्योंकिनौकरियों की कमी शहरी भारतीयों को परेशान करती है। ज्यादातर युवा नौकरी से जुड़ते हैं। इसके अलावा, अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है।”

बेरोजगारी को लेकर चिंताएं बढ़ने के बावजूद वोट में भाग लेने वाले ज्यादातर शहरी भारतीयों (69%) ने कहा कि भारत जिस दिशा में बढ़ रहा है, उसे लेकर वे आशावादी हैं।बेरोजगारी के अलावा भारतीयों में वित्तीय तथा राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध तथा हिंसा, गरीबी तथा सामाजिक विषमता और जलवायु परिवर्तन भी मुख्य चिंता का विषय है।

श्रम मंत्रालय के मुताबिक, देश में 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1% रही। यह 45 साल में सबसे ज्यादा थी। इससे पहले 1972-73 में बेरोजगारी दर का यही आंकड़ा था। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस की रिपोर्टजनवरी में लीक हुई। इसके अनुसार,देश में बेरोजगारी का आंकड़ा 6.1% रहा। हालांकि, तब नीति आयोग ने रिपोर्ट खारिज करते हुए कहा था- यह फाइनल डाटा नहीं, बल्कि ड्राफ्ट रिपोर्ट है। सरकार ने नौकरियों पर कोई डाटा जारी नहीं किया।

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