सात साल के बेटे ने दी शहीद बाप को दी मुखाग्नि, आर्मी ड्रेस पहनकर किया सलाम, कहा- पापा वी मिस यू
पंचतत्व में विलीन हुए शहीद मनप्रीत, बेटे ने पापा जय हिंद के नारे के साथ दी मुखाग्नि : अनंतनाग में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह का उनके पैतृक गांव भड़ौजियां में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान हजारों लोग इस बलिदानी को अंतिम नमन करने पहुंचे। शहीद के भाई संदीप सिंह ने उनके बेटे कबीर के साथ मुखाग्नि दी। इससे पहले शहीद के बेटे ने जय हिंद का नारा लगाया।
पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने शहीद को श्रद्धांजलि दी और परिवार को सांत्वना दी। पंजाब के मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा और मंत्री अनमोल गगन मान भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए। कर्नल मनप्रीत के मासूम बेटे ने आर्मी की ड्रेस पहनकर अपने पिता को सैल्यूट किया। इस दौरान एसपी डॉक्टर संदीप गर्ग और डीसी आशिका जैन समेत आला अधिकारी मौजूद रहे।

ग्रामवासी अपने अपने घर के बाहर तिरंगा लेकर खड़े रहे, सभी भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं। बलिदानी मनप्रीत सिंह के बेटे ने सेना की वर्दी पहनकर पिता को अंतिम विदाई दी है। उन्हें देखकर हर किसी की आंखे आज गमगीन है।
बलिदानी मनप्रीत सिंह को श्रद्धांजलि देने के पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित और पंजाब की कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन भी गांव में पहुंच रहे हैं। वहीं, उनकी बहनों ने उन्हें राखी भेंट कर अंतिम विदाई दी है।
बलिदानी मनप्रीत सिंह के जाने से आज हर किसी की आंखों में आंसू है। उनके परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। पूरे गांव में शोक की लहर है, लेकिन उन्हें मनप्रीत सिंह पर बेहद फक्र भी है। इस दौरान आर्मी के सीनियर ऑफिसर, पैतृक गांववासी, मोहाली का प्रशासनिक अमला मौजूद हैं। इसमें पंजाब के कुछ मंत्री और विधायक के पहुंचे हैं। वहीं, देर रात पंचकूला के चंडी मंदिर आर्मी के कैंट एरिया में बलिदानी कर्नल मनप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर पहुंच गया था। इस दौरान परिवार के साथ ग्रामवासियों में भी दुखों का पहाड़ टूटा हुआ है।
मनप्रीत के चाचा हरमेल सिंह ने कहा की बलिदानी मनप्रीत सिंह की माता मंजीत कौर की तबीयत बार बार बिगड़ रही है, इसलिए डॉक्टर को घर में ही रखा गया है। उन्होंने कहा की हमने मनप्रीत को बचपन से इन्हीं गलियों में साइकल पर स्कूल कॉलेज आते देखा था।

उसका इतना इंतजार कभी भी किसी को नहीं था। हमने कभी नहीं सोचा था कि परिवार को यह दिन देखना पड़ेगा। रोते हुए उन्होंने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि कर्नल मनप्रीत के नाम से एक आर्मी स्कूल गांव में खुलना चाहिए, ताकि गांव के और युवा देश के काम आ सकें।
बलिदानी कर्नल मनप्रीत सिंह के बचपन के दोस्त पवनदीप सिंह स्कूल में जूनियर थे। वह पंजाब में जूनियर इंजीनियर पद पर तैनात है। पवनदीप ने बताया कि जिस गांव भरोंजियां में उनका बचपन गुजरा, उसे कभी नहीं छोड़ने की बात करते थे।

कर्नल मनप्रीत सिंह का कहना था कि यहां से हमारी जड़े मजबूत हुई है, आगे की पीढ़ियां भी यहीं से मजबूत होगी। गांव के सभी गुरुद्वारा और मंदिर में बिजली-पानी के अलावा अन्य व्यवस्था की जिम्मेदारी बलिदानी कर्नल मनप्रीत सिंह बखूबी निभाते थे। गांव का हर वासी मायूस है और मनप्रीत सिंह को याद करते हुए उनकी बातें कर रहे हैं। कर्नल मनप्रीत सिंह गांव की तस्वीर बदलना चाहते थे।
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