बिना नाम लिए की गई नेहरू की तारीफें, आखिर मेरे मुल्क को आत्मनिर्भर बनाया किसने है?

© प्रियांशु

मेरे मुल्क को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पंडित नेहरू का शुक्रिया।
गुलामी की जंजीरों में जकड़े मेरे मुल्क को वापस विकास की राह पर दौड़ाने के लिए पंडित नेहरू का शुक्रिया। आज पहली बार हमने पीएम साहब को इतनी देर तक सुना है। सच कहें तो अभी सुनने के बाद कपार में तेल लगाना पड़ा है… लेकिन हम सच काहे बताए?

तो मोटा मोटी आज पीएम साहब ने क्या धमाकेदार ‘मन की बात कही’. शुरुआत के तीस मिनट में उनकी फिल्म ने भारत के सबसे बड़े हीरो नेहरू और उनके बाद के भारतीय नेतृत्व द्वारा किए गए विकासप्रिय कार्यों को केवल अलंकृत ही करती रह गई। उनके एक एक शब्द में हमारे भारत के लिए वो सम्मान दिखा जिसको नेहरू ने खुद अपने हाथों से आत्मनिर्भर बनाया है।

आपने पूरा भाषण सुना है न? तो बताईए मित्रों, पीएम साहब ने आत्मनिर्भर शब्द का कितनी दफा जिक्र किया? आप नहीं बता सकते.. आपने ये वाला पोर्शन मिस कर दिया। हमारी गिनती में उन्होंने तीस पैंतीस बार तो ज़िक्र किया ही होगा। तो मान के चलिए की पीएम साहब उतनी बार बिना नाम लिए आधुनिक भारत के शिल्पकार नेहरू की तारीफों के पुल बांध रहे थे।

हम जो अभी बता रहे है उसमें भाषण के शुरुआती तीस मिनटों के रुझान है, जिसमें नेहरू के कार्यपद्धति का ज़ेरॉक्स हांथ में लेकर बिना नाम किए उनकी तारीफें की गई है।

अब आप पूछेंगे कैसे, नेहरू की तारीफ कैसे हुई? हम बताते है.. पीएम साहब ने कहा कि भारत २ लाख पीपीई किट्स और २ लाख N-95 मास्क प्रतिदिन बना रहे है। मालूम है किधर? मालूम है वो उद्योग भारत में किसने लगाए? नहीं मालूम न.. हम भी नहीं बताएंगे, जाईए गूगल कर लीजिए और कॉपी में नोट भी कीजिए।

पीएम साहब ने अपने संबोधन ( पढ़ें-भाषण) में कहा की हमारी संस्कृति बहुत महान थी, फिर अंग्रेज आ गए.. हम गुलाम हो गए, हम पीछे चले गए, लेकिन आजादी के बाद हमने विकास किया.. हमने प्रकृति आपदाओं के बाद भी विकास किया… मालूम है आपको ये विकास किसने करवाया ? हम ये भी नहीं बताएंगे, जाईए गूगल कीजिए किताबें पढ़िए और इसे भी नोट कीजिए.. (बाल नरेंद्र का नाम मत लिख दीजिएगा, अभी वो चश्मा उतार दीजिए )

हम आज ये नहीं कहेंगे कि जिस अस्पताल में आज कोरोना संक्रमितों का इलाज हो रहा है वो किनके द्वारा स्थापित है? हम ये भी नहीं कहेंगे कि आज जिन लैबों में कोरोना के सैंपल जांच हो रहे है वो किनके द्वारा स्थापित किए गए है?.. हम क्यों गिनवाए, आप खुद गिनती कीजिए और नोट भी कीजिए।

खैर छोड़िए, पीएम साहब का दिल बहुत बड़ा है.. उनको नेहरू पांच कठा खेत देकर भी स्वर्गलोक सिधारते तो आज वो उनकी तारीफें नहीं करते और ना ही धन्यवाद देते। लेकिन हम तो दे ही सकते है, क्योंकि आज नेहरू द्वारा बनाए गए संस्थानों में भारत का भविष्य सांस लेे रहा है। और हां, नेहरू के प्रखर दूरदर्शी नेतृत्व ने ही मेरे मुल्क को आत्मनिर्भर बनाया है।
सबसे जरूरी बात कहना भूल ही गया.. वो लाख करोड़ में कितने जीरो होंगे उसकी भी गिनती कीजिए।

आपको मुहब्बत ❤️

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