बिहार में 94 हजार शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ, नोटिफिकेशन जल्द होगा जारी

बिहार के 71,244 सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में करीब 94 हजार पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा विभाग का प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय शीघ्र ही 42 हजार 606 प्राथमिक, 28,638 मध्य विद्यालय और 391 बुनियादी विद्यालयों में शिक्षकों के नियोजन का कार्यक्रम जारी कर सकता है।

विभाग ने 11 सितंबर को दिया था निर्देश : इस नियोजन में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से 18 माह का सेवाकालीन डिप्लोमा इन एलिमेन्ट्री एजुकेशन (डीईएलएड) कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को नियोजन में शामिल होने का मौका मिलेगा। नियोजन की पूरी प्रक्रिया तीन माह में पूरी कर ली जाएगी।

उच्चस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को स्वीकारते हुए 18 महीने के डीईएलएड डिग्रीधारियों को नियोजन प्रक्रिया का हिस्सा बनाने का फैसला कर लिया है। अगले एक सप्ताह में नियोजन का शिड्यूल तैयार हो जाएगा। उसपर अपर मुख्य सचिव आर के महाजन और शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा की सहमति मिलने के बाद नियोजन की कार्रवाई आरंभ हो जाएगी। हालांकि उसके पहले शिक्षा विभाग पटना हाईकोर्ट के फैसले पर दायर पुनर्विचार याचिका वापस लेगा।

रिव्यू पिटिशन वापस लेने के लिए राज्य सरकार के विधि विभाग से भी शिक्षा विभाग को स्वीकृति लेनी होगी। इन तमाम प्रक्रियाओं के बाद नियोजन का कार्यक्रम आएगा जिसमें 18 माह का डीईएलएड कोर्स करने वाले शिक्षक पात्रता परीक्षा पास योग्य अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए 20 दिन का समय दिया जाएगा।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रंजीत कुमार सिंह के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन के लिए आवेदन कर दिया है उन्हें फिर से आवेदन करने की कोई जरूरत नहीं होगी। विभाग ने एनसीटीई से 18 माह के डीएलएड प्रशिक्षण की मान्यता को लेकर परामर्श के बाद नियोजन इकाइयों को 11 सितंबर 2019 को निर्देश दिया था कि इसकी मान्यता प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन के लिए नहीं है।

हाईकोर्ट ने 22 जनवरी को दिया था आदेश : प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के 18 माह के डीएलएड प्रशिक्षण की मान्यता को लेकर दिए गए निर्देश को पटना हाईकोर्ट में संजय कुमार यादव एवं अन्य ने चुनौती दी। मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 22 जनवरी 2020 को आदेश पारित कर प्राथमिक निदेशालय के 11 सितंबर के आदेश को रद्द (सेट एसाइड) करते हुए वादीगण को शिक्षक के पद पर नियोजन हेतु आवेदन देने के लिए एक माह की अवधि निर्धारित कर दी।

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