Bihar News: राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जिन क्षेत्रों में 400 से अधिक की आबादी है और जहां हर 500 मीटर पर आंगनबाड़ी केंद्र की जरूरत महसूस होती है, वहां नए केंद्र खोले जाएंगे। इस दिशा में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
हाल ही में मुख्य सचिव ने सभी जिलों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों को सभी सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिले, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने केंद्रों की नियमित समीक्षा करने को भी कहा।
बैठक में नए आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को इस प्रक्रिया को प्राथमिकता देने और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए।
अविवादित भूमि का होगा चयन
नए केंद्रों के निर्माण के लिए ऐसी भूमि का चिह्नांकन किया जाएगा, जिस पर कोई कानूनी विवाद न हो, ताकि निर्माण कार्य में कोई बाधा न आए और केंद्रों को जल्द शुरू किया जा सके।
मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण
मुजफ्फरपुर में 40 नए मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण किया जा रहा है। इन केंद्रों का उद्देश्य बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देना है। इन केंद्रों में ‘बाला’ (बिल्डिंग एज लर्निंग एड) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे बच्चों के लिए आकर्षक और शैक्षणिक माहौल तैयार होगा। इन केंद्रों में पीने का पानी, शौचालय, खेल सामग्री और बच्चों के बैठने की उपयुक्त व्यवस्था होगी। साथ ही केंद्रों की दीवारों पर शैक्षणिक चित्र और गतिविधियां चित्रित की जाएंगी, ताकि बच्चों की रुचि बनी रहे।
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नल जल योजना के तहत जलापूर्ति
मुजफ्फरपुर जिले के 1550 आंगनबाड़ी केंद्रों में नल जल योजना के तहत जलापूर्ति की सुविधा नहीं थी। जिले के डीएम ने पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को सभी केंद्रों में जलापूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया है। इससे बच्चों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मिल सकेगा।
मनरेगा के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण
मनरेगा योजना के तहत मुजफ्फरपुर में 169 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण किया गया है। इन केंद्रों में बच्चों के लिए पोषण वाटिका भी बनाई गई है, जहां मौसमी सब्जियां उगाई जाएंगी। इन सब्जियों का उपयोग बच्चों के पोषण में किया जाएगा, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा।
आंगनबाड़ी केंद्रों का मूल्यांकन
आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित 3-6 वर्ष के बच्चों का आयु आधारित मूल्यांकन किया जाएगा। इससे बच्चों की बौद्धिक क्षमता और विकास की प्रगति का पता चलेगा। कार्यकर्ता इस मूल्यांकन के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिसे सीडीपीओ को सौंपा जाएगा। यह प्रक्रिया बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होगी।
इन पहलों से मुजफ्फरपुर जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति में सुधार होगा और बच्चों को बेहतर शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
मुजफ्फरपुर जिले में प्रखंडवार आंगनबाड़ी केंद्रों की वर्तमान संख्या
क्रम संख्या | प्रखंड का नाम | कुल आंगनबाड़ी केंद्र |
---|---|---|
1 | पारू | 429 |
2 | कुढ़नी | 510 |
3 | बंदरा | 156 |
4 | मुशहरी (सदर) | 303 |
5 | मुरौल | 115 |
6 | साहेबगंज | 281 |
7 | सकरा | 361 |
8 | बरुराज | 495 |
9 | बोचहां | 286 |
10 | कटरा | 283 |
11 | सरैया | 378 |
12 | मीनापुर | 511 |
13 | मढ़वन | 184 |
14 | मुशहरी (ग्रामीण) | 378 |
15 | गायघाट | 295 |
16 | कांटी | 330 |
17 | औराई | 322 |
निष्कर्ष
मुजफ्फरपुर जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की प्रखंडवार विस्तृत संख्या से पता चलता है कि सरकार ने स्थानीय स्तर पर बाल विकास एवं पोषण सेवाओं को पहुंचाने के लिए व्यापक व्यवस्था की है। मीनापुर, कुढ़नी और बरुराज जैसे प्रखंडों में आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या अधिक है, जिसका अंदाजा इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व और सेवाओं की मांग से भी लगाया जा सकता है। वहीं, मुरौल और बंदरा जैसे क्षेत्रों में कम संख्या से पता चलता है कि वहां विस्तार की जरूरत हो सकती है।
400 से अधिक आबादी और हर 500 मीटर की दूरी पर नए केंद्र खोलने की सरकार की योजना से न सिर्फ सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि बच्चे और महिलाएं पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं का लाभ ज्यादा प्रभावी तरीके से उठा सकेंगे। यह