बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को पटना स्थित खान सर के कोचिंग संस्थान का औचक निरीक्षण किया, जिससे छात्रों और स्टाफ में खुशी की लहर दौड़ गई। इस अप्रत्याशित मुलाकात में राज्यपाल ने खान सर को बकरीद और हाल ही में हुई उनकी शादी की बधाई दी, साथ ही गरीब छात्रों के लिए उनके द्वारा किए जा रहे शिक्षण कार्य की सराहना की।
राज्यपाल ने कहा, “मैंने खान सर को यूट्यूब पर भी देखा है। वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। गरीब छात्रों के दिल से उनके लिए ढेर सारी दुआएं निकल रही होंगी, जो फीस नहीं दे सकते।” उन्होंने यह भी वादा किया कि वह एक दिन खान सर के छात्रों से मिलेंगे और उनसे बातचीत करेंगे, जिससे छात्रों को प्रेरणा मिलेगी और उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
खान सर, जिनका असली नाम फैजल खान है, पटना स्थित ‘खान जी.एस. रिसर्च सेंटर’ के संस्थापक हैं। उन्होंने 2019 में इस कोचिंग संस्थान की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य गरीब और मेधावी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। उनकी अनूठी और सरल शिक्षण शैली ने उन्हें छात्रों के बीच खास पहचान दिलाई है। कोरोना काल में उन्होंने यूट्यूब के जरिए ऑनलाइन शिक्षा शुरू की, जिससे उनकी पहुंच पूरे देश में फैल गई।
इसे भी पढे : Bihar News: बिहार सरकार की नई पहल: बिहार में हर 500 मीटर पर खुलेंगे आंगनबाड़ी केंद्र
राज्यपाल के इस औचक निरीक्षण से विद्यार्थियों और आम जनता में खान सर के प्रति सम्मान बढ़ा है। यह मुलाकात न केवल खान सर के कार्यों की सराहना का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राज्य सरकार भी शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे अच्छे कार्यों को मान्यता देती है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि जब समाज के विभिन्न वर्ग एक साथ आकर शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देते हैं, तो इससे समाज के समग्र विकास में मदद मिलती है। खान सर जैसे शिक्षकों का समर्पण और राज्यपाल जैसे नेताओं का समर्थन शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
निष्कर्ष:
खान सर के कोचिंग संस्थान में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की यह अचानक मुलाकात न केवल एक सराहनीय पहल थी बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सकारात्मक प्रयासों को सरकार की मान्यता का प्रतीक भी थी। गरीब और जरूरतमंद छात्रों के प्रति खान सर का समर्पण, शिक्षा को सुलभ और प्रभावी बनाने की उनकी शैली और समाज के प्रति उनका योगदान आज लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहा है।
इसे भी पढे : बिहार का लाल देश पर कुर्बान: ऑपरेशन सिंदूर में घायल हुए हवलदार सुनील सिंह ने तोड़ा दम, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
राज्यपाल की मौजूदगी ने यह संदेश भी दिया कि ऐसे शिक्षक जो निस्वार्थ भाव से समाज निर्माण में लगे हैं, उन्हें न केवल छात्रों से बल्कि सरकार से भी समर्थन और सम्मान मिलना चाहिए। यह मुलाकात हमें यह भी सिखाती है कि जब शिक्षा और नेतृत्व एक साथ आते हैं तो समाज में बदलाव की एक नई रोशनी फैलती है।