Patna : जिस बिहार में होली और जुम्मे की नमाज को लेकर बिहार के तमाम नेता इन दिनों बयान बाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राबड़ी देवी की बिंदी को लेकर इशारे बाजी कर रहे हैं और राबड़ी देवी कह रही हैं कि भांग पीकर नीतीश कुमार अलबल बोलते हैं. उसी बिहार में होलिका दहन से ठीक 1 दिन पहले एक गरीब बाप ने अपने चार बच्चों को जहर खिलाकर मार डाला और खुद भी जहर पी लिया. अस्पताल में बारी-बारी से चारों बच्चों की मौत हो चुकी है और पिता की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है. आईसीयू में भर्ती पिता ने बताया कि गरीबों के कारण उसने अपने चारों बच्चों को जहर खिलाकर मार डाला. वह अकेले मरना चाहता था लेकिन उसके मरने के बाद उसके बच्चों का देख भाल कौन करता इसलिए उसने बच्चों को भी जहर खिला दिया.
घटना आरा जिला के बिहिया थाना क्षेत्र के बेलवनिया गांव का बताया जाता है. चार बच्चों में दो बेटा और दो बेटी है. बड़ी बेटी की उम्र 12 साल तो छोटी बेटी की उम्र 3 साल है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में 12 साल की नंदिनी 6 साल के टोनी उर्फ राजा और 3 साल की डोली की मौत हो चुकी थी. इसके बाद एक बच्चे को और बाप को डॉक्टर विकास सिंह के क्लीनिक में एडमिट करवाया गया जहां इलाज के दौरान 11 साल के आदर्श उर्फ आदित्य कुमार की भी मौत हो गई. पोस्टमार्टम करवाने के बाद चारों बच्चों के डेड बॉडी को परिवार वालों को सौंप दिया गया है.
आईसीयू में बोला बाप- मेरे मरने के बाद बच्चों का देखभाल कौन करता, इसलिए जहर पिला दिया
जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा निर्दय बाप अरविंद ने आईसीयू में एडमिट होने के बाद बोला कि गरीबी के कारण वह परेशान हो चुका था. वह खुद अकेले मरना चाहता था फिर उसने सोचा कि मेरे मरने के बाद बच्चों का क्या होगा इसलिए उनको भी जहर पिलाया. अरविंद की माने तो गरीबी के कारण खाने पीने की भी दिक्कत हो रही थी. मंगलवार को उसने ₹20 में सल्फास की तीन गोलियां खरीदी. सबसे पहले शाम को उसने सभी बच्चों के साथ बैठकर खाना खाया और इसके बाद चाय में सल्फास मिला दिया. मंगलवार की रात अरविंद ने सबसे पहले अपने दोनों बेटे और दोनों बेटियों को सल्फास मिला हुआ चाय पिलाया और फिर खुद भी पी लिया. जब सब की हालत बिगड़ने लगी तो उल्टी और पेट दर्द से यह लोग तड़पने लगे. हो हल्ला सुनकर ऊपर मंजिल पर रहने वाले अरविंद के भाई सुनील नीचे आया और स्थिति को देखते हुए उसने टेंपो में सभी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचा
स्थानीय लोगों का कहना है कि अरविंद बेलवनिया बाजार में मोबाइल रिपेयरिंग का दुकान चलाता था और मोबाइल बेचता भी था. दुकान का किराया ₹2000 है. पिछले कुछ महीनो से किराया चुकाने के बाद उसके पास बहुत कम पैसे बच रहे थे. राशन कार्ड भी उसके पास नहीं था. करीब 1 साल पहले उसकी पत्नी बीमार हुई थी जिसमें काफी पैसे खर्च हुए थे. इलाज के दौरान पत्नी की मौत हो गई. इसके बाद से ही उसके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी.