पटना सहित न सिर्फ पूरे बिहार में बल्कि देश भर में होलिका दहन धूमधाम से संपन्न हो गया. पटना के विभिन्न चौक चौराहों पर होलिका दहन का आयोजन किया गया था. इस दौरान सबसे पहले घर की सुहागन महिलाओं ने और बड़े बुजुर्गों ने पूजा पाठ किया और फिर होलिका में अग्नि प्रज्वलित किया गया. देर रात तक लोगों को होलिका जलाते हुए देखा गया.

वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है कि मिथिला पंचांग के अनुसार और बनारस पंचांग के अनुसार रंगों का पर्व होली आज नहीं बल्कि कल है. संस्कृत विश्वविद्यालय के कुणाल झा कहते हैं कि होली का पर्व इस बार शुक्रवार को नहीं बल्कि शनिवार को है और इस बात को लेकर बनारस पंचांग और मिथिला पंचांग दोनों एकमत है. मिथिला में आज महिलाओं द्वारा सप्ता डोरा का पर्व भी मनाया जाएगा.
कुणाल झा की माने तो आज देवी देवताओं को खीर पूरी चढ़ाया जाएगा. इसके बाद कल लोग एक दूसरे को रंग लगाकर होली का पर्व मनाएंगे. उनका यह भी कहना है कि वैदिक पंचांग के मुताबिक होली का त्योहार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। साथ ही होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की रात भद्रा रहित मुहूर्त में करने का विधान है।

मिथिला पंचांग के अनुसार 15 मार्च को ही होली मनायी जायेगी. उन्होंने कहा कि उदयाकालीन प्रतिपदा 15 मार्च को होने के कारण इसी दिन होली मनेगी. 14 मार्च को दिन के 11.22 बजे तक पूर्णिमा है. उसके बाद से प्रतिपदा लग रहा है, जो 15 मार्च को दिन के 12.59 बजे तक है.
दूसरी ओर बिहार सहित देश के कई ऐसे स्थान है जहां आज भी होली का पर्व मनाया जा रहा है. आज शुक्रवार होने के कारण मुसलमान समाज के लोग जुम्मा का नमाज भी पढ़ने जाएंगे. इस बाबत प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी किया गया है. लोगों को आपसी भाईचारे के साथ होली का पर्व मनाने का आदेश दिया गया है.