आज भारत रत्न अटलजी की जयंती है, शत—शत नमन, वाजपेयी जैसा नेता भारत में ना हुआ है और ना होगा

PATNA- 25 दिसंबर को भारतीय राजनैतिक पटल पर लंबे समय तक राज करने वाले भारत माता के सच्चे सपूत भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी। जिन्होंने अपना जीवन अपने देश के उत्थान एवं कल्याण हेतु जीया, जिनकी वाणी से असाधारण शब्दों को सुनकर आम जन उल्लासित होते रहे और उनके कार्यों से देश का मस्तक हमेशा ऊंचा होता रहा। मघ्यप्रदेश के ग्वालियर में एक ब्राह्मण परिवार में 25 दिसंबर 1924 को पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता कृष्णा देवी की संतान के रूप में जन्म लिया था। 16 अगस्त 2018 को अटल जी इस दुनिया से हमेशा के लिए विदा हो गए।

देश सेवा के लिए विवाह नहीं किया : भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों में से एक अटल जी 1968 से 1973 तक जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे । जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहने वाले अटल जी ने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया । अटल जी ने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया। अटल जी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होने गैर कांग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए ।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी- पहले 16 मई से 1 जून 1969, फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। अटल बिहारी वाजपेयी को विरासत में कविता और साहित्य मिले, यही कारण था की राजनीति में दिग्गज राजनेता, विदेश नीति में संसार भर में समादृत कूटनीतिज्ञ, लोकप्रिय जननायक और कुशल प्रशासक होने के साथ-साथ ये एक अत्यंत सक्षम और संवेदनशील कवि, लेखक और पत्रकार भी रहे हैं।

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