बिना डाटा व इंटरनेट के मोबाइल पर दूरदर्शन के प्रसारण की तैयारी, प्रसार भारती ने की पहल

मोबाइल पर बिना डाटा और इंटरनेट के लाइव टेलीविजन प्रसारण को हकीकत में तब्दील करने के लिए प्रसार भारती ने बड़ी पहल की है। प्रसार भारती ने डायरेक्ट टू मोबाइल ब्राडकास्ट की तकनीकी रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी आइआइटी कानपुर को सौंप दी है। मोबाइल पर दूरदर्शन के चैनलों की बिना डाटा और इंटरनेट के लाइव प्रसारण की शुरुआत होती है तो भारत ऐसा करने वाला केवल तीसरा देश होगा। अभी केवल अमेरिका और दक्षिण कोरिया में मोबाइल पर लाइव टीवी प्रसारण की शुरुआत हुई है, जबकि यूरोप में इसका ट्रायल चल रहा है।

मोबाइल फोन पर लगातार वीडियो कंटेंट के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान को देखते हुए डायरेक्ट टू मोबाइल ब्राडकास्ट की जरूरत महसूस की जा रही है। 5जी मोबाइल टेक्नोलाजी लांच होने के बाद मोबाइल वीडियो कंटेंट के इस रुझान में भारी वृद्धि होना तय है। इस टेक्नोलाजी के जरिये भारत को अग्रिम पंक्ति के देशों में शामिल करने के साथ दूरदर्शन के लाइव टीवी प्रसारण को नये पायदान पर ले जाने की तैयारी है। प्रसार भारती के सीइओ शशि शेखर वेम्पटि ने इस बारे में बताया कि दर्शकों का बहुत बड़ा वर्ग वीडियो कंटेंट के लिए मोबाइल को साधन बना रहा है। इसलिए जरूरी है कि राष्ट्रीय महत्व के विषयों और नीतियों का संदेश भी इस प्लेटफार्म के जरिये सीधे लोगों तक पहुंचे।

डायरेक्ट टू मोबाइल ब्राडकास्ट सिग्नल के जरिये हम मोबाइल फोन पर बिना इंटरनेट डाटा के लाइव टीवी प्रसारण पहुंचा सकते हैं। इसकी खासियत यह होगी कि प्राकृतिक आपदा जैसे हालात या विषम परिस्थितियों में मोबाइल नेटवर्क के बाधित हो जाने की स्थिति में भी डायरेक्ट टू मोबाइल ब्राडकास्ट प्रसारण बंद नहीं होगा। वेम्पटि ने निकट भविष्य में इसके लांच होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि बाजार के लिहाज से भी इस क्षेत्र में भारत सबसे बड़ा बाजार होगा क्योंकि सबसे ज्यादा मोबाइल वीडियो कंटेंट हमारे यहां ही देखा जा रहा है। प्रसार भारती ने अप्रासंगिक हो चुके दूरदर्शन के सभी 1300 रिले केंद्रों को अब बंद करने का फैसला किया है।

दूरदर्शन के आधुनिकीकरण योजना के तहत इनमें से 900 रिले केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं और बाकी बचे 400 रिले केंद्र भी अगले साल मार्च तक बंद कर दिए जाएंगे। चूंकि दूरदर्शन के चैनलों का पूरा प्रसारण डिजिटल हो चुका है और पुरानी एनालाग तकनीक के एंटिना से टीवी चलाने का दौर खत्म हो चुका है। इसीलिए बड़ी छतरी वाले एंटिना के इन रिले केंद्रों को बंद कर वहां के कर्मचारियों का नए कामों में उपयोग किया जाएगा। वेम्पटि ने कहा कि रिले केंद्रों के बंद होने का बड़ा फायदा यह होगा कि इसमें काफी स्पेक्ट्रम खाली हो जाएगा और करोड़ों रुपए सालाना की बिजली की बचत होगी। हालांकि इनमें से उन रिले केंद्रों पर कामकाज जारी रहेगा जिनके जरिये एफएम रेडियो का संचालन होता है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *