जानिए किस वजह से त्रस्त है पटना हाईकोर्ट, अब 17 तक नहीं हो पाएगा कोई काम

PATNA: पटना हाईकोर्ट के वकीलों के न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेने से हजारों केस की सुनवाई नहीं हो सकी. कई कोर्ट ने खुद से केस पढ़कर आदेश पारित किया. वहीं, सोमवार को तीनों अधिवक्ता संघों की हुई बैठक में 17 फरवरी तक न्यायिक काम नहीं करने का निर्णय लिया गया है.

दरअसल, केस की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट द्वारा जारी लिस्ट को लेकर वकील नाराज हैं और सात फरवरी से न्यायिक कार्य नहीं कर रहे हैं. वकीलों का कहना है कि लिस्ट की जटिलताओं और अन्य समस्याओं के कारण किस केस की कब सुनवाई होगी, यह बताना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है. दिनभर इंतजार के बाद भी केस की सुनवाई नहीं हो पाती है, जबकि लिस्ट के अनुसार उनके केस पर सुनवाई हो जानी चाहिए. मुवक्किल उनसे सवाल करते हैं तो जवाब देना मुश्किल हो जाता है. हालात यह है कि वकील अपने ही मुवक्किल से कभी किसी हादसे के शिकार हो सकते हैं.

सोमवार को हाईकोर्ट के तीनों वकील संघों की समन्वय समिति की बैठक हुई. समिति ने सर्वसम्मति से आगामी 17 फरवरी तक अदालती कामकाज से खुद को अलग रखने का फैसला किया है. अब समिति 17 फरवरी को बैठक कर आगे की रणनीति तय करेगी. सोमवार को समिति की बैठक एडवोकेट एसोसिएशन की लाइब्रेरी में हुई.

इसमें एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा, महासचिव शैलेन्द्र कुमार सिंह के अलावा लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार ठाकुर, महासचिव राजीव कुमार सिंह तथा बैरिस्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सिंह व महासचिव मुकेश कांत ने भाग लिया.

बैठक में महाधिवक्ता ललित किशोर को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था. महाधिवक्ता ने मौके पर कहा कि समन्वय समिति अपनी समस्या को लिखित में देंगे तो उसे मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखेंगे. वकीलों ने समन्वय समिति की बैठक स्थान के बाहर एसोसिएशन के अध्यक्ष महासचिव सहित हाईकोर्ट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उनका कहना था कि जब तक समस्या का निदान नहीं कर लिया जाता, तब तक वकील न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेंगे.

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