PATNA (Champions Trophy: Dad didn’t like cricket, broke the bat, now features in international cricket) :किसी ने सच ही कहा है लीक छोड़ तीनू चले शायर, सिंह, सपूत. अर्थात जो रियल लाइफ के हीरो होते हैं वह कभी एक्सक्यूज नहीं देते और ना कभी हार मानते हैं. आज हम जिस हीरो के बारे में बात कर रहे हैं वह इन दिनों अपने देश की तरफ से इंटरनेशनल क्रिकेट मैच(International Cricket Match) खेल रहे हैं और चैंपियंस ट्रॉफी(Champions Trophy) खेलने के लिए पाकिस्तान(Pakistan) पहुंचे हैं. इस रियल लाइफ हीरो का नाम है रहमानउल्लाह गुरबाज(Rahmanullah Gurbaaz). वे अफगानिस्तान(Afghanistan) टीम के टॉप बल्लेबाज हैं. पिछले T20 वर्ल्ड कप में उन्होंने जबरदस्त स्कोर बनाने का काम किया था. अफगानिस्तान टीम से वे टॉप 10 वनडे रैंकिंग में एकमात्र बैट्समैन है.
गुरबाज कहते हैं मेरा क्रिकेट खेलने पापा और भैया को पसंद नहीं था. यही कारण था कि वे लोग मुझे न सिर्फ क्रिकेट खेलने से रोकते थे बल्कि मेरे बैट को भी तोड़ देते थे और गेंद को फेंक दिया करते थे.
एक घटना का उल्लेख करते हुए गुरबाज बताते हैं कि मेरे पिताजी हज यात्रा पर गए थे और सकुशल वापस लौटे थे. घर में कुछ मेहमानों को दावत पर बुलाया गया था और पिताजी ने मुझे चाय लेने के लिए भेजा था. मैं बाहर तो गया लेकिन चाय लेने के बदले क्रिकेट खेलने चला गया. बाद में थोड़ी देर के बाद भैया मुझे ढूंढते ढूंढते आए और उन्होंने पिताजी को जाकर कह दिया कि मैं चाय लाने के बदले क्रिकेट खेल रहा हूं फिर क्या था पिताजी गुस्सा हो गए और उन्होंने मेरे बैट को तोड़ दिया. मेरे पिताजी एक स्कूल में प्रिंसिपल थे और वे चाहते थे कि मैं इंजीनियर या डॉक्टर बनू.
मैं पढ़ने में काफी अच्छा था लेकिन क्लास सिक्स के बाद मुझे क्रिकेट के प्रति अलग प्रेम हो आया. मेरे गांव में क्रिकेट खेलने की कोई सुविधा नहीं थी और क्रिकेट खेलने के लिए पैसे चाहिए थे लेकिन परिवार के लोग देने से मना कर रहे थे.
एक दिन मैंने अपने घर के पास काम कर रहे ठेकेदार से जाकर कहा कि मैं गुपचुप तरीके से काम करना चाहता हूं. आप अगर मुझे आधे पैसे दोगे तो भी मैं काम करने के लिए तैयार हूं. मैंने 16 दिनों तक काम किया और जो पैसे मिले उसे क्रिकेट बैट और दस्ताने खरीदे. जब पापा और भाई को इस बारे में पता चला तो उन लोगों ने मेरे बैट को फिर से तोड़ दिया. हालांकि बहुत साल के बाद पापा और भैया क्रिकेट का समर्थन करने लगे.
गुरबाज की माने तो उन्होंने अंडर-19 और इंटरनेशनल T20 में डेब्यू किया है और साल 2021 से वनडे डेब्यू पर शतक लगाने वाले पहले अफगान खिलाड़ी बन गए हैं.
गुरबाज कहते हैं कि आरंभ में मैंने जो कुछ सीखा वह खुद से सीखा है कोई मुझे क्रिकेट सिखाने वाला नहीं था मुझे पहले कोच नेशनल टीम में शामिल होने के बाद मिला.