अलविदा सुशांत सिंह, आज मुंबई में होगा अंतिम संस्कार, पटना से पहुंचेंगे पिता

पटना. बिहार के रहने वाले बॉलीवुड फिल्म स्टार सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने रविवार को मुंबई में आत्मह/त्या कर ली. इस खबर से ना सिर्फ उनके चाहने वाले बल्कि बॉलीवुड और राजनीति के लोग भी हैरान हैं. सुशांत का मुंबई में सोमवार को अंतिम सं/स्कार होगा. यह जानकारी सुशांत के फैमिली फ्रेंड निशांत जैन ने दी है. यही नहीं, सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम सं/स्कार में शामिल होने के लिए सोमवार को 11.20 की फ्लाइट उनके पिता, विधायक नीरज बबलू समेत दो अन्‍य सदस्‍य मुंबई पहुंचेंगे.

बॉलीवुड एक्‍टर सुशांत सिंह राजपूत का सोमवार को मुंबई में अंतिम संस्‍कार होगा, जिसमें पटना से उनके पिता केके सिंह और चचेरे भाई और सुपौल से बीजेपी के विधायक नीरज कुमार बबूल के साथ दो अन्‍य सदस्‍य सुबह 11.20 की फ्लाइट से मुंबई जांएगे. आपको बता दें कि सुशांत की मां की मृ/त्यु 2002 में हो गई थी. इसके अलावा उनकी चार बहनें हैं, जिसमें से एक मीतू सिंह राज्य स्तर की क्रिकेट खिलाड़ी हैं.

काई पो छे, एमएस धोनी, केदारनाथ जैसी कई फिल्मों से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले सुशांत सिंह राजपूत का बिहार से गहरा लगाव रहा है. उनका जन्म पटना में हुआ था. यहीं पर उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा भी हुई. इसके अलावा खगड़िया में स्थित ननिहाल से भी उनकी यादें जुड़ी हुई हैं. इसलिए सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर ने आज बिहार के लोगों का दिल दुखी कर दिया. सुशांत ने अपनी शुरुआती शिक्षा राजधानी पटना के सेंट कैरेंस स्कूल में पाई थी. उच्च शिक्षा के लिए बाद में सुशांत दिल्ली शिफ्ट हो गए. लेकिन आज भी उनका परिवार पटना में रहता है. वैसे सुशांत सिंह राजपूत मूल रूप से पूर्णिया जिले के रहने वाले थे. यही नहीं, सुशांत सिंह राजपूत के रिश्ते में भाई नीरज कुमार बबूल सुपौल से बीजेपी के विधायक हैं.

सुशांत की मौ/त से उनके पटना के राजीव नगर स्थित घर में मातम का माहौल है, तो खगड़िया के चौथम प्रखंड के बोरने गांव स्थित ननिहाल में भी लोग गमजदा हैं. अभी एक साल पहले ही तो सुशांत अपने ननिहाल आए थे. तब उनकी एक झलक पाने के लिए सैकड़ों की भीड़ जुट गई थी. चिलचिलाती धूप में सुशांत अपने पिता और विधायक नीरज कुमार बबलू के साथ नाव पर कोशी नदी पार कर चौथम पहुंचे थे. आपको बता दें कि बोरने गांव में काफी पुराना भगवती मंदिर है. जहां बैंड-बाजे के साथ उनका स्वागत किया गया था. सुशांत ने यहां पहले पूजा-पाठ की थी, फिर मंदिर परिसर में ही मुंडन कराया था.

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