उड़ीसा रेल हादसे में जान बचने के बाद बोले बिहार के घायल यात्री, ₹32000 देकर घर लौटा हूं

बालासोर से 32 हजार देकर आए बिहार; घायल बोले- लाशों के लिए और बड़ा हो रहा था खेल : हमलोग खुद का पैसा लगाकर अपने घर तक पहुंचे हैं। 32 हजार एम्बुलेंस को देना पड़ा। हम घायलों के लिए 50 हजार से 32 हजार तक कीमत बताई जा रही थी जबकि लाश लाने के लिए एक लाख से 80 हजार तक की मांग की जा रही थी।

इतना ही नहीं जैसी लाश वैसी कीमत बताई जा रही थी। आलम यह हुआ कि लोग अपने घर से गांव से लोगों को चंदा करके किसी तरह रुपया मंगवाना पड़ा। यह कहना है उन घायलों का जो बालासोर रेल दुर्घटना के शिकार हुए हैं और वापस अपने घर लौट रहे हैं। यह किसी एक की कहानी नहीं है बल्कि ऐसे हजारों लोगों की जुबानी है जो हम आपके सामने ला रहा है।

बालासोर रेल दुर्घटना में घायल बिहार के लोग अपनी जान बचाने के लिए किसी तरह अपने घर पहुंच रहे हैं। घर लौटे मजदूरों का कहना है कि उन्हें अपने घर आने में एम्बुलेंस को 32 हजार रुपये चुकाने पड़े हैं। यह बात बता रहे हैं बेगूसराय में इलाज करा रहे लोग। दरअसल बेगूसराय से मजदूरी करने गए 6 मजदूर भी बालासोर में भीषण रेल हादसे में शिकार होकर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायल मोहम्मद अली का कहना है कि वहां समुचित इलाज नहीं हो पा रहा था। इसलिए हमलोगों ने एक एम्बुलेंस किया जिसके लिए हमें 36 हजार रुपये चुकाने पड़े। वहां स्थिति इतनी भयावह है कि सही से लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है। हमलोग किसी तरह वहां से निकले। मोहम्मद अली का कहना है कि हादसा होने के बाद हमलोग वहां से बाहर निकले। हमलोगों ने देखा कि बहुत सा शव इधर उधर पड़ा हुआ था। तब तक स्थानीय लोग भी पहुंचा गए और किसी तरह अस्पताल लेजाकर प्राथमिक उपचार कराये। फिर वहां के लोगों ने एम्बुलेंस से सम्पर्क कराया और 32 हजार में तय कर के हमलोग बेगूसराय पहुंचे।

मोहम्मद अली का कहना है कि एम्बुलेंस वाले कह रहे थे कि आपके साथ अगर लाश है तो उसकी अलग कीमत देनी होगी। इस संबंध में उन्होंने बताया कि एक लाख रुपये तक की मांग की जा रही थी। उन्होंने कहा कि उस लाश में भी उनलोगों ने कैटेगरी बना लिया था। जैसी लाश होगी वैसी कीमत बताई जा रही थी।

घायल मोहम्मद ने तो यहां तक कहा कि जो लोग बहुत ज्यादा गंभीर थे उनकी गिनती भी लाशों में की जा रही थी। हलांकि इस बात में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है लेकिन घायलों ने यह जरुर कहा कि वहां स्थिति काफी गंभीर है। बिहार सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

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