उपेंद्र कुशवाहा को NDA में वापस लाना चाहते हैं अमित शाह, CM नीतीश के खिलाफ मिशन बिहार विधानसभा शुरू
महाराष्ट्र में चारों खाने चित्त होने के बाद बीजेपी के चाणक्य अमित शाह बिहार एनडीए से निकले साथियों को वापस लाने की नीति पर काम करने लगे हैं। बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इसलिए अमित शाह के निर्देश पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सी.पी. ठाकुर रूठे साथी राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को मनाने की मुहिम में लग गये हैं। लोकसभा चुनाव में मनमाफिक सीट न मिलने से नाराज कुशवाहा ने एनडीए से रिश्ता तोड़ लिया था और महागठबंधन में शामिल हो गये थे। डा. ठाकुर ने कुशवाहा को फिर से एनडीए में आने का न्योता देते हुए कहा कि वे लोकसभा चुनाव के पहले हड़बड़ा कर चले गए थे, उन्हें अब वापस आ जाना चाहिए।
बता दें कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर पटना में 24 घंटे से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। लिहाजा डा.ठाकुर के ऑफर रालोसपा के प्रधान सचिव माधव आनंद ने इस पर कोई स्पष्ट टिप्पणी करने से परहेज करते हुए दोअर्था संकेत दिया कि राजनीति में कोई भी स्थायी दोस्त और दुश्मन नहीं होता। इससे यह तो लग रहा है कि उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए का दामन फिर से थाम भी सकते हैं। वैसे भी जब वे एनडीए में थे तो उन्हें वहां केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री के पद पर थे। उन्होंने एनडीए छोड़ा तो उनके विधायक तक उनका साथ छोड़ जदयू में चले गये।
महागठबंधन में उनको विशेष अहमियत नहीं दी जा रही है। उनके पास जो कुशवाहा वोट बैंक है उस पर बीजेपी की नजर है और इसी इरादे से वह उन्हें एनडीए में वापस लाने को उत्सुक है। एनडीए के घटक दल जदयू और लोजपा के तेवर तीखे हो रहे हैं लिहाजा बीजेपी सुरक्षित पाली खेलने के इरादे से रालोसपा को भी साथ लाना चाहती है। अब देखना है कि डा. ठाकुर रूठे यार को मनाने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं। कुशवाहा कैंप भी विनम्र दिख रहा है।