लोकसभा चुनाव से पहले आनंद मोहन का शक्ति प्रदर्शन, 19 जनवरी को पटना में होगी राजपुत समाज की रैली

PATNA-19 जनवरी को पटना में क्षत्रिय रैली, बोले आनंद मोहन- देशभर से जुटेंगे राजपूत नेता : जब से पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल से बिहार निकले हैं, तब से लगातार राजपूत समाज को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं. इसी कड़ी में अब वह पटना के गांधी मैदान में क्षत्रिय सम्मेलन करेंगे. इसका ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने राज्य में कई महापुरुषों के नाम पर भवन बनवाईया है. पटेल भवन है, श्री कृष्ण भवन है, ठीक उसी तर्ज पर बिहार में महाराणा प्रताप भवन भी बनना चाहिए. महाराणा प्रताप की जन्म तिथि और पुण्यतिथि पर एक दिन का अवकाश भी घोषित किया जाए. इस मांग को लेकर 19 जनवरी को गांधी मैदान में एक बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा. जिसमें देश के कई राज्यों से क्षत्रियों का जुटान होगा. सिर्फ गांधी मैदान ही नहीं भरा जाएगा, बल्कि पूरे पटना को पाट दिया जाएगा.

19 जनवरी को पटना में क्षत्रिय रैली: आनंद मोहन ने कहा कि आज की बैठक में इन तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई है और उसको लेकर सहमति भी बनी है. उन्होंने कहा कि आज तक के इतिहास में गांधी मैदान को जिन राजनीतिक दलों के द्वारा भरने का काम किया गया है, उस रिकॉर्ड को तोड़ने का काम करेंगे. महाराणा प्रताप किसी जाति या धर्म विशेष के द्योतक नहीं थे, बल्कि आजादी और स्वाभिमान के प्रतीक थे. उनको पहचान दिलाने के लिए पूरे देश के राजपूत जुटेंगे और बिहार सरकार से मांग रखेंगे कि बिहार में उनकी पुण्यतिथि और जन्मोत्सव पर अवकाश घोषित करें.

किसी नई पार्टी की घोषणा नहीं करेंगे: पूर्व सांसद ने साफ कर दिया कि गांधी मैदान से वह किसी राजनीतिक दल की घोषणा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि उस दिन महाराणा प्रताप के लिए हक की लड़ाई लड़ी जाएगी. इसकी घोषणा जरूर होगी कि आगे क्या करना है. आनंद मोहन ने कहा कि हम जो भी करते हैं, डंके की चोट पर करते हैं. जेडीयू में जाएंगे या आरजेडी में जाएंगे, इसको लेकर भी डंके की चोट पर ऐलान करेंगे.”19 जनवरी को पटना के गांधी मैदान में पूरे देश के क्षत्रिय जुट रहे हैं. यह वह लोग हैं जो मुसीबत के दिनों में हमारे साथ खड़े रहे हैं. उन सभी लोगों को बुलाकर जनता और महाराणा प्रताप की लड़ाई लड़ी जाएगी”- आनंद मोहन, पूर्व सांसद

आरक्षण कोटा बढ़ाने पर क्या बोले आनंद मोहन: बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 फीसदी करने पर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि यह सवाल तो उन लोगों से होना चाहिए, जो सवर्ण के ठेकेदार बनते हैं और सवर्णों का हमेशा वोट लेते हैं. वह लोग भी सदन में जब शामिल थे तो आवाज क्यों नहीं उठाई. वहीं महिलाओं को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आपत्तिजनक बयान पर पूर्व सांसद प्रतिक्रिया देने से बचते दिखे.

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