बिहार में हर परिवार को 3000 देने की घोषणा, जमीन के मालिक हों या ना हों, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता

PATNA : सूखा प्रभावित क्षेत्र के हर परिवार को सहायता राशि मिलेगी। उनके पास खेती की जमीन है या नहीं, इससे कोई मतलब नहीं है। सरकार ने इस सहायता राशि के लिए जमीन को मानक नहीं बनाया है।

राज्य सरकार ने कम वर्षा होने के कारण 18 जिलों के 102 प्रखंडों की 896 पंचायतों को सूखा प्रभावित घोषित किया है। इनमें पटना के भी 135 पंचायत शामिल हैं। सूखा प्रभावित घोषित पंचायतों में रहने वाले हर परिवार को तीन-तीन हजार रुपये सरकारी सहायता के रूप में दी जाएगी। लाभार्थी के पास सिर्फ चयनित पंचायत का पता उनके आधार कार्ड में दर्ज होना चाहिए। साथ ही आधार कार्ड बैंक खाते से जुड़ा होना चाहिए। सहायता राशि उसी खाते में जाएगी। राज्य सरकार ने तत्काल इस सहायता की घोषणा की है।

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इसका वितरण बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में मिलने वाली सहायता राशि के रूप में होगी। उस योजना में भी हर परिवार को ही राशि दी जाती है, लेकिन इसके बाद भी सरकार अक्टूबर की 15 तारीख तक तीन मानदंडों के आधार पर खेती का आकलन करेगी। खेत में दरार हों या फिर उत्पादन के 33 प्रतिशत गिरने का अनुमान हो या फिर फसलें मुरझा गई हों। एक कारण भी मिला तो सरकार उस क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करेगी। उसके बाद बंटने वाली सहायता राशि आपदा के मानक के अनुसार होगी।

हथिया नक्षत्र के बाद कृषि विभाग करेगा आकलन : कृषि विभाग को इसका आकलन का निर्देश दिया गया है। विभाग ने हथिया नक्षत्र के बाद इसका आकलन शुरू करने का फैसला किया है। ऐसे तो विभाग हर रोज प्रखंडवार वर्षा का आकलन कर रहा है, लेकिन हथिया के बाद अधिकारियों की टीम गांवों में भेजी जाएगी। उसके बाद अगर सरकार सूखाग्रस्त घोषित किया गया किसानों को सहायता राशि मिलेगी। यह राशि किसानों की फसल का 33 प्रतिशत या इससे अधिक नुकसान होने पर मिलता है। कृषि विभाग की रिपोर्ट पर आपदा प्रबंधन विभाग असिंचित क्षेत्र के लिए किसानों को 6800 रुपये और सिंचित क्षेत्र के लिए 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर देता है।

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