देश की सुरक्षा में शहीद हुआ बिहार का बेटा, अंतिम दर्शन करने के लिए मां कर रही इंतजार

Patna: बिहार का एक और बेटा देश की सुरक्षा में शहीद हो गया. यह जवान बिहार के बेतिया का रहने वाला था जिसका शव बुधवार की सुबह पहुंचेगा. पूरे परिवार में बेटे की शहादत से कोहराम मचा है तो गांव में भी सन्नाटा पसरा हुआ है.

बताते चले कि मझौलिया प्रखंड क्षेत्र के बेखबरा गांव का रहने वाला जवान सिक्किम के रणकोश में पदस्थापित पिंटू कुमार चौरसिया (23वर्ष) विगत 03 मई को शहीद हो गया. वो जीडी के पद पर कार्यरत था. 06 मई को उसका पार्थिव शरीर बेख़बरा पैतृक निवास पहुंचेगा जहां राजकीय सम्मान के साथ उसकी अंत्येष्टि होगी. परिवार के मुताबिक पहाड़ पर चढ़ने के दौरान ऑक्सीजन की कमी से जवान की मौत हो गई और वो शहीद हो गया. शहीद जवान के बड़े भाई सुबोध ने बताया कि जम्मू कश्मीर से विमान द्वारा शव आ रहा है जो कल दस बजे बेख़बरा पहुंच जायेगा.

तो वहीं शहीद के पिता गोरखपुर रेलवे के वर्कशॉप में पदस्थापित हैं. शहीद पिंटू के पिता नागेंद्र प्रसाद चौरसिया बताते हैं कि पिंटू में बचपन से ही देशभक्ति का जज्बा था. खेल कूद में उसकी रुचि थी. वर्ष 2016 में उसकी नियुक्ति आर्मी में में हुई तबसे वह सिक्किम में पदस्थापित रहा. अभी वो अविवाहित था. मृत आर्मी मैन पिंटू के बड़े भाई सुबोध कुमार चौरसिया मझौलिया प्रखंड के कृषि विभाग में बतौर कृषि सलाहकार हैं. शहीद जवान की बहन भी दिल्ली मेंं सीआईएसएफ में कार्यरत है. बड़े भाई सुबोध ने बताया है कि शहीद के परिजनो में मातमी सन्नाटा पसरा है.

बताया जा रहा है कि शहीद जवान पिंटू कुमार चौरसिया की प्रारंभिक शिक्षा मोतिहारी से हुई थी और 2016 में वह सेना में बहाल हुआ था. तब से वो सिक्किम में ही पदस्थापित था. पिंटू चार भाइयों में छोटा था और उसकी अभी शादी नहीं हुई थी. बेख़बरा गांव में जवान के शहीद होने की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया और घरवालों के साथ साथ गांव के लोग भी अपने बेटे का अंतिम दर्शन करने के लिए शव का इंतजार कर रहें है।कल राजकीय सम्मान के साथ जवान की अंत्येष्टि की जाएगी.

आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को ही जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ हुए एनकाउंटर में बिहार के लाल और औरंगाद के रहने वाले सीआरपीएफ जवान संतोष मिश्रा आतंकियों के साथ हुए मुठभेड़ में जाबांजी के साथ मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे. संतोष सीआरपीएफ के 92 बटालियन में थे. वर्ष 2004 में उन्होंने राष्ट्र भावना से अभिभूत होकर देश के लिये कुछ कर गुजरने का जज्बा लिए उन्होंने इसे जॉइन किया था.

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