RSS और BJP का एजेंट है मनीष कश्यप, इसे गिरफ्तार करना बिहार पुलिस के बस की बात नहीं है

अपने आपको सन ऑफ बिहार कहने वाले मनीष कश्यप पर लगातार एक के बाद एक केस दर्ज हो रहा है. बावजूद इसके व फर्जीवाड़ा करने से ना तो खुद को रोक रहा है ना ही अपने समर्थकों को. व खुलेआम इधर से उधर भाग रहा है और बिहार पुलिस अब तक उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है. पटना के एक युवा पत्रकार है जिनका नाम है नीरज प्रियदर्शी, लगातार मनीष कश्यप की सच्चाई से लोगों को रूबरू करा रहे हैं तो आइए आपको आज उनका यह आलेख पढ़ाते हैं जिसमें उन्होंने मनीष कश्यप के पीछे कौन-कौन लोग हैं उनके बारे में बता रहे हैं…

मनीष कश्यप का सच और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साज़िश

नीरज प्रियदर्शी/ पटना

मनीष कश्यप की गिरफ़्तारी और उससे कड़ी पूछताछ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बर्बादी या यू कह लें कि संघ के पतन का सबसे बड़ा कारण बनेगी. बशर्ते कि पुलिस यह कर पाए!

मुझे इसपर संदेह है! कि पुलिस समय रहते मनीष कश्यप को गिरफ़्तार कर पाएगी. जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूँ कि मनीष कश्यप किसी भी वक्त विदेश भाग सकता है अथवा उसे भगाया जा सकता है.

और यह बात मैं पूरे दावे के साथ कह रहा हूँ क्योंकि तामिलनाडू-बिहारी हिंसा प्रकरण में मनीष के साथ साज़िश में संघ के कुछ बड़े लोगों की संलिप्तता की बात सामने आ रही है.

मेरी रिसर्च में यह बात स्थापित हुई है कि मनीष कश्यप को सन ऑफि बिहार बनाने और उसे करोड़ों की संख्या में व्यूज और फ़ॉलोवर्स दिलाने में अरबों रुपए के मालिक और संघ की अग्रणी पंक्ति वाले कुछ नेताओं का हाथ है.

एक जो सबसे ज़रूरी बात बताना चाहता हूँ- “जिस मनीष कश्यप को आप “सच तक न्यूज” के माध्यम से जानते थे वो बस उसका चेहरा भर है. सच तक के असली मालिक हैं मणि द्विवेदी और पर्दे के पीछे वाले मालिक हैं अरबों रुपए की संपत्ति वाले राकेश पाण्डेय जो लंदन में रहकर Bravo Pharma नाम की कंपनी चलाते हैं और संघ तथा केंद्र सरकार की अग्रणी पंक्ति के लोगों के साथ उठते-बैठते हैं. संघ के लिए काम भी करते हैं. मनीष, मणि और राकेश पांडेय के बीच की कड़ी हैं संघ से ही जुड़े नीलोत्पल मृणाल जो कि मुंबई में रहते हैं और सुशांत सिंह राजपूत को इंसाफ़ दिलाने वाले आंदोलन के एक नेता भी रहे हैं. जानकारी के मुताबिक़ राकेश पांडेय के करीबी नीलोत्पल उनकी कंपनी का भारत में कारोबार भी देखते हैं. मनीष पांडेय बिहार से भागकर सबसे पहले नीलोत्पल मृणाल के पास ही गया. और अब जैसी कि सूचना है राकेश पांडेय के इशारे पर मनीष को भारत से भगाने की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है.”

जो लोग राकेश पांडेय को नहीं जानते हैं उनकी जानकारी के लिए बता दें कि राकेश पांडेय एक क़िस्म का फ़्रॉड है.

वह झारखंड में मधु कोड़ा और बिनोद सिन्हा का सहयोगी रह चुका है। 15 साल पहले जब मधु कोड़ा जेल गये तो यह प्रभात खबर/हरिवंश (राज्य सभा के उपसभापति) के लिये मुखबिर बन गया। हरिवंश ने इसे व्हिसिल ब्लोअर बनाकर इसकी मदद की और जेल जाने से बचा लिया.

यह पटना के कई पत्रकारों का करीबी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता राधामोहन सिंह का पारिवारिक रिश्तेदार भी है.

यह अरबपति तो है, पर उससे ज़्यादा ढोंगी है. सत्ता की दलाली करता है और लाइजनिंग करता है. लंदन में पहले यह अपने कज़िन के साथ रहता था. अभी इसने अपनी खुद की बड़ी दवा कंपनी खड़ी कर ली है.

जानकारी के मुताबिक़ यह लंदन में अपनी जान बचाने के लिये रहता है. भारत में यह दर्जनों लोगों को करोड़ों का चूना लगा चुका है, जिसकी वजह से इसको अपने जान का डर बना रहता है. सबसे दलाली के नाम पर पैसा लेकर भाग गया है. सिर्फ़ पत्रकारों के संपर्क में रहता है ताकि प्रशासनिक मदद मिलती रहे.

यक़ीन नहीं तो इसके बारे में पता करिए, सब मिल जाएगा…

विस्तार से पूरी कहानी बहुत जल्द आएगी. तब तक आप सोशल मीडिया के इन चार प्रोफ़ाइलों को खँगालिये और अतीत की कड़ियाँ मिलाइए. सबकुछ आईने सा साफ़ लगेगा…

हैरान मत होइएगा यह जानकर कि ये सारे लोग पिछले आठ वर्षों में ही पैसा और शोहरत के मामले में बड़े बने हैं, जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है.

मुझे मालूम है कि अभी किसी मीडिया संस्थान में इस बात को कहने की हिम्मत नहीं है, इसलिए मैंने अथक श्रम से की गई रिसर्च से जुड़ी जानकारियाँ यहाँ शेयर कर दी है. हो सकता है कि मुझे इन नामों को लिखने पर धमकियाँ मिलें, असुरक्षा का भाव पैदा कराया जाए. लेकिन, “सच तक न्यूज” का सच यही है और मैं इसे हर प्रकार से प्रमाणित कर सकता हूँ.

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