अभी-अभी : नीतीश कुमार को झटका, अरविंद केजरीवाल ने अकेले लोक सभा चुनाव लड़ने का किया ऐलान
विपक्षी एकजुटता को अरविंद केजरीवाल का झटका! 2024 के चुनावों में अकेले उतरने के दिए संकेत : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2024 के आम चुनावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के के खिलाफ गठबंधन बनाने के विपक्षी दलों के प्रयासों को झटका देते हुए रविवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी इस तरह के किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी।
आम आदमी पार्टी खुद को बीजेपी के विकल्प के तौर पर पेश कर रही है। फिलहाल, पार्टी का पूरा फोकस फिलहाल गुजरात विधानसभा चुनाव पर है। अरविंद केजरीवाल ने रविवार को पार्टी के सदस्यों से ‘मेक इंडिया नंबर 1’ अभियान के माध्यम से भारत के 130 करोड़ नागरिकों का गठबंधन बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा।
उन्होंने दावा किया कि गुजरात में आप की बढ़ती लोकप्रियता ने भाजपा को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग 75 साल पहले ब्रिटिश साम्राज्यवाद को खत्म करने के लिए एकजुट हुए थे। इसी तरह, हमें भारत को दुनिया में ‘नंबर वन’ बनाने के लिए देश के लोगों को एक साथ लाना होगा।

आप की बढ़ती लोकप्रियता से डरी भाजपा: दिल्ली में आयोजित निर्वाचित प्रतिनिधियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन में रविवार अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के संबंध में आप की रणनीति के बारे में सवाल पूछे जाते हैं। मुझे जोड़-तोड़ का गणित समझ में नहीं आता है। इसके साथ ही आप संयोजक ने पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ झूठे मामले गढ़ने के लिए प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जो लाल क़िले से कहते हैं कि मैं भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ रहा हूं, वो भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ नहीं, आप के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं।”
दिल्ली के सीएम ने कहा, “देश के 20 राज्यों में हमारे 1446 जनप्रतिनिधि हैं। ये हमारे बीज हैं जो भगवान ने बोए हैं। दिल्ली और पंजाब में बीज पेड़ बन गए जो लोगों को छाया-फल दे रहे हैं। गुजरात में भी 27 बीज बोए थे जो पेड़ बनने वाले हैं। गुजरात में सरकार बनने वाली है।”
उन्होंने कहा कि 10 साल का छोटा सा बच्चा है आम आदमी पार्टी। बचपन में ही श्री कृष्ण ने कई बड़े-बड़े राक्षसों का वध किया था। AAP भी कान्हा जी की तरह गंदी राजनीति करने वाली बड़ी पार्टियों का वध कर रही है। हम बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, महंगाई का वध कर रहे हैं।