छुट्टी खत्म होते ही ट्रेनों में उमड़ी भीड़, जानवरों की तरह टॉयलेट में बैठ सफर कर रहे हैं लोग
दानापुर में चल रहे आरआरआई कार्य के कारण रद्द ट्रेनों के चलते नियमित ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। इस कारण पटना से खुलने वाली और यहां से गुजरने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों के यात्रियों को काफी फजीहतों का सामना करना पड़ रहा है। कई यात्रियों को आरा, बक्सर तक तो अपनी सीटों पर भी बैठना मुश्किल हो जाता है। .
ऐसा दृश्य खासकर सुबह को पटना आनेवाली और शाम को यहां से जाने वाली ट्रेनों में लगभग प्रतिदिन देखने को मिल जाता है। भीड़ के कारण कई यात्री बीमार भी पड़ रहे हैं। आरआरआई के कारण इस रूट की 10 जोड़ी पैसेंजर और नौ जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द हैं। लंबी दूरी की लगभग 33 ट्रेनों को रूट परिवर्तन कर संचालन किया जा रहा है। वाराणसी-लखनऊ रूट के फैजाबाद में आरआरआई के कारण पटना-कोटा, हिमगिरि समेत और सात जोड़ी ट्रेनों का परिचालन रद्द किया गया है। इनमें से पांच ट्रेनें पटना से होकर गुजरने वाली थीं। ऐसे में पटना से खुलने वाली काशी-पटना जनशताब्दी, श्रमजीवी एक्सप्रेस, मगध, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस में यात्रियों की भीड़ काफी बढ़ गई है। राजेंद्रनगर के टीटीई जो संपूर्ण क्रांति में ड्यूटी करते हैं, ने बताया कि भीड़ के कारण वे लोग स्लीपर क्लास में टिकट चेक करना तक छोड़ दे रहे हैं।
चार दिन बाद सामान्य हो जाएगी स्थिति: आरआरआई का कार्य 19 जून को पूरा हो जाएगा। इसके बाद 20 जून से ट्रेनों का परिचालन सामान्य हो जाएगा। सभी रद्द और डायवर्ट ट्रेनों का परिचालन दानापुर-पटना होकर होने लगेगा। सबसे बड़ी राहत की बात यह होगी कि अब लाइन खाली होने के इंतजार में लंबी दूरी की ट्रेनों को बिहटा, नेऊरा और दानापुर में रुककर घंटों सिग्नल का इंतजार नहीं करना होगा। आरआरआई कार्य पूरा होने के बाद दानापुर के छह केबिन इतिहास बन जाएंगे। यहां के क्रू-केबिन से ट्रैक चेंज होता था। अब यह काम ऑटोमैटिक मोटर के माध्यम से होगा।
दानापुर मंडल के डीआरएम रंजन प्रकाश ठाकुर ने शनिवार को रेलवे लाइन और पैनल इंटरलॉकिंग भवन में आरआरआई कार्यों का निरीक्षण किया। मौके पर उन्होंने कहा कि 17 जून की शाम से नए इंटरलॉकिंग सिस्टम से कार्य शुरू हो जाएगा। दो दिनों तक सभी नए कार्यों की सघन मॉनिटरिंग की जाएगी। उसके बाद 20 से ट्रेनों का परिचालन सामान्य हो जाएगा। 20 साल पहले दानापुर में आरआरआई कार्य को मंजूरी मिली थी। उसके लिए फंड का भी आवंटन किया गया था। लेकिन इस कार्य में होने वाली परेशानी के कारण इसे पहले कराने में उदासीनता बरती गई। इस कार्य में रेल यात्रियों को भी कुछ परेशानी उठानी पड़ी।