ATM से पैसे निकालना महंगा होगा, 5,000 रुपए से अधिक निकासी पर रोक, RBI ने की सिफारिश

मुंबई | आने वाले समय में एटीएम से रुपए निकालना महंगा पड़ सकता है। साथ ही एटीएम से 5000 से अधिक रुपए निकालने पर भी रोक लग सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक की एक समिति ने यह सिफारिश की है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने अब तक इन सिफारिशों पर कोई फैसला नहीं लिया है। एटीएम इंटरचेंज फी-स्ट्रक्चर की समीक्षा के लिए इंडियन बैंकर्स एसोसिएशन (आईबीए) के चीफ एक्जीक्यूटिव की अध्यक्षता में पिछले साल बनी इस समिति ने एटीएम से नकद निकासी 5,000 रुपए तक सीमित करने की सिफारिश की है।

10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर : 1.ट्रांजेक्शन सीमा से अधिक बार पैसे निकालने पर चार्ज 15 से बढ़ाकर 17 रु. 2.बैलेंस जांच, पिन चेंज जैसे ट्रांजेक्शन पर चार्ज 5 रुपए से बढ़ाकर 7 रुपए। 10 लाख से कम आबादी वाले शहर : 1. फ्री-ट्रांजेक्शन की संख्या पांच से बढ़ाकर छह हो सकती है। 2. छह से अधिक निकासी पर ट्रांजेक्शन 15 से बढ़कर 18 रुपए हो सकती है। 3.बैलेंस जांच, पिन चेंज जैसे ट्रांजेक्शन पर चार्ज 5 रुपए से बढ़ाकर 7 रुपए।

एटीएम से एक बार में ₹5000 से अधिक निकालने पर लगेगा शुल्क : अगर आप भी एटीएम का इस्तेमाल कर एक बार में 5000 रुपये से अधिक की निकासी करते हैं तो आपको अब यह महंगा पड़ सकता है. अब एटीएम से एक बार में 5000 रुपये से ज्यादा निकालने पर आपको कुछ चार्ज देना पड़ सकता है. इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक विचार कर रहा है. सूचना के अधिकार कानून से मिली जानकारी के मुताबिक, डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने और नकद निकासी की आदत घटाने के लिए रिजर्व बैंक ग्राहकों से चार्ज वसूलने के बारे में विचार कर रहा है.

इस जानकारी के मुताबिक इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के चीफ एग्जिक्युटिव वीजी कन्नन की अध्यक्षता में बनी समिति ने एटीएम से नकद निकासी की लोगों की आदत कम करने के लिए जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें फीस चार्ज करने का जिक्र किया गया था. इस रिपोर्ट को उन्होंने 22 अक्टूबर 2019 को रिजर्व बैंक को सौंप दिया था, हालांकि इसे कभी सार्वजनिक नहीं किया गया.

एक बिजनेस अखबार के मुताबिक आरटीआई कार्यकर्ता श्रीकांत एल की याचिका को आरबीआई के जन सूचना अधिकारी ने पहले खारिज कर दिया था. बाद में उन्होंने रिजर्व बैंक के जवाब के खिलाफ अपील की, जिसके बाद उन्हें रिपोर्ट उपलब्ध कराई गयी. श्रीकांत ने इस कॉपी को पब्लिक डोमेन में डाल दिया है.

इस रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों के लिए एटीएम का कामकाजी खर्च काफी बढ़ गया है. इसके साथ ही इंटरचेंज फीस की समीक्षा साल 2012 से और एटीएम यूजेज चार्ज कैप में बदलाव साल 2008 से नहीं किया गया है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कस्बाई और ग्रामीण इलाके में बैंक के एटीएम की संख्या बहुत कम है, वहां बड़ी संख्या में नई एटीएम मशीन लगाने की जरूरत भी है.

इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 10 लाख या इससे ज्यादा आबादी वाले जगहों पर वित्तीय ट्रांजेक्शन के लिए इंटरचेंज फीस को 2 से बढ़ाकर 17 रुपये और गैर वित्तीय ट्रांजेक्शन के लिए इंटरचेंज फीस 7 रुपये रखा जाए. 10 लाख से कम आबादी वाले स्थानों पर वित्तीय और गैर वित्तीय दोनों प्रकार के ट्रांजेक्शन के लिए इंटरचेंज फीस में 3 रुपये की वृद्धि की जाए.

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