अर्थव्यवस्था पर मंदी की मार, Aviva Life Insurance पर मंडराया दिवालिया होने का खतरा!

एविवा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी पर दिवालिया होने का खतरा मंडरा है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने एविवा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी इंडिया लिमिटेड के खिलाफ दिवालियापन की कार्रवाई शुरू करने के संबंध में एक याचिका को स्वीकार कर लिया है। एविवा के खिलाफ यह याचिका एपीजे ट्रस्ट ने दायर की थी।

 

याचिका स्वीकार होने के बाद ट्रिब्यूनल की दिल्ली ब्रांच ने कॉर्पोरेट इन्सोल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) शुरू करने का आदेश दिया। मालूम हो कि एविवा लाइफ इंश्योरेंस एपीजे ट्रस्ट की कर्जदार है। एविवा ने एपीजे ट्रस्ट के एपीजे एक्सप्रेस से 25 जून 2008 को मुंबई के वाशी में लीव एंड लाइसेंस एग्रीमेंट के तहत एक ऑफिस लिया था।

याचिकाकर्ता का कहना है कि एविवा की तरफ से इस संपत्ति को को अपने पास रखने की एवज में 27.67 लाख रुपये सर्विस टैक्स और लाइसेंस फीस बकाया है। एपीजे ट्रस्ट ने इस संबंध में 5 अप्रैल 2019 के दिवाला और दिवालियापन कानून की धारा 8 के तहत 27.67 लाख रुपये की मांग को लेकर नोटिस भेजा था।

27 मई को लिखे पत्र में एविवा की तरफ से एपीजे ट्रस्ट की तरफ किसी भी तरह की देनदारी से इनकार किया। इतना ही नहीं एविवा ने एपीजे की तरफ से दायर याचिका को चुनौती भी दी। कंपनी का तर्क था कि वह इंश्योरेंस कंपनी है और एक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी होने के कारण वह वित्तीय क्षेत्र के नियामक के तहत रेगुलेट होती है।

दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने एविवा के खिलाफ दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया। ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद एविवा पहली ऐसी फाइनेंसियल कंपनी बन गई है जो आईबीसी के तहत दिवालियापना की प्रक्रिया का सामना करेगी।

 

 

 

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