राम मंदिर निर्माण शुरू; इंजीनियरों ने काम शुरू करने से पहले भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की
अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू; इंजीनियरों ने काम शुरू करने से पहले राम जन्मभूमि पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की, पहले भूमिगत खंबे का एक माह के भीतर टेस्ट होगा, हजार साल की मजबूती दी जाएगी
सदियों के इंतजार के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। शुक्रवार को तीन बजे भारी भरकम ड्रिलिंग मशीन ने मंदिर के पहले खंबे की ड्रिलिंग शुरू कर दी। इस पहले भूमिगत खंबे का एक माह में टेस्ट होगा। 5 एकड़ में मंदिर की बुनियाद के रूप में भूमि के भीतर एक मीटर व्यास के 100 से 150 फीट के 1200 खंबे बनाए जाएंगे। यह सभी कंक्रीट के होंगे। इन सभी खंबाें को एक हजार साल की मजबूती के लिहाज से बनाया जाएगा। इनके ऊपर मंदिर का 19 फीट ऊंचा कंक्रीट का प्लेटफार्म तैयार होगा। इसी प्लेटफार्म पर 161 फीट ऊंचा और पांच शिखरों वाला श्रीराम मंदिर तैयार होगा।
कंक्रीट का मानक आईआईटी टीम ने तैयार किया : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मशीन से जमीन में एक मीटर व्यास के 100 फीट गहरे कुंए में कंक्रीट का मिश्रण डाला जाएगा। एक महीने बाद पिलर के कंक्रीट की ताकत का परीक्षण होगा। जरूरी हुआ तो कंक्रीट की मजबूती और आयु बढ़ाने के लिए आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञों से दोबारा राय ली जाएगी।
1200 कुओं की होगी खुदाई | राय ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए 1200 कुओं की खुदाई की जाएगी, जिसमें तीन से चार रिंग मशीनें लगेंगी। पहली मशीन ने काम शुरू कर दिया है। जन्मभूमि के नीचे करीब 55 फीट गहराई में जल स्तर है। इसलिए पिलर को ऐसे गलाया जाएगा, जैसे नदियों में पुल के खंबे गलाए जाते हैं। इंजीनियरों का मानना है कि पिलर जितना पानी के अंदर रहेगा मजबूती के लिहाज से उतना अच्छा होगा।
ड्रिलिंग शुरू किए जाने से पहले टीम के इंजीनियरों और श्रमिकों ने जन्मभूमि पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा की। ताकि मशीन और उपकरण बिना रुकावट के काम कर सकें। इस दौरान ट्रस्ट के पदाधिकारी और श्रीराम मंदिर के वास्तुकार आशीष सोमपुरा भी मौजूद थे। मालूम हो, मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को भूमि पूजन किया था।