नीतीश कुमार का सपना हुआ साकार, बाढ़ का बिजलीघर बनकर तैयार, मार्च से मिलने लगेगी इलेक्ट्रिक

बाढ़ बिजलीघर के स्टेज-1 की पहली यूनिट से बिहार को इसी मार्च तक बिजली मिलने लगेगी। सितंबर में बिजलीघर बनकर तैयार हुआ और इसका सफल ट्रायल पूरा किया गया। एनटीपीसी बिजलीघर का बीच-बीच में ट्रायल कर रहा है। 21 वर्षों के बाद बाढ़ बिजलीघर के स्टेज-1 की 660 मेगावाट की पहली यूनिट बनकर तैयार हुई है। स्टेज-1 में बिहार को 52 फीसदी हिस्सेदारी दी गई है।

पहली यूनिट से बिहार को 396 मेगावाट बिजली मिलेगी। स्टेज-1 में 660 मेगावाट की तीन यूनिटें हैं। पहली यूनिट के चालू होने के बाद एनटीपीसी बाढ़ के अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि मार्च 2022 के अंत तक शेष दो इकाइयों को भी चालू कर दिया जाएगा। बाढ़ बिजलीघर बिहार में एनटीपीसी की पहली सुपर क्रिटिकल बिजली परियोजना है, जिसमें 660 मेगावाट की पांच इकाइयों के साथ 3300 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता है। स्टेज-1 में 660 मेगावाट की तीन और स्टेज-2 में 660 मेगावाट की दो यूनिट है।

1999 में वाजपेयी ने किया था शिलान्यास
बाढ़ बिजलीघर के स्टेज-1 का शिलान्यास 6 मार्च, 1999 काे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। इसके बाद 2003 में इसके प्रशिक्षण सेंटर काशिलान्यास हुआ। निर्माण की जिम्मेदारी रूसी कंपनी टेक्नोप्रोमो को सौंपी गई थी। उसके बाद कंपनी कई विवादों में आई। वह अनुबंध के अनुसार समय पर निर्माण पूरा नहीं कर सकी। बाद में दिवालिया हो गई। हालांकि, उसने इस बिजलीघर को बनाने के लिए 2013 में भारत से 6 हजार करोड़ रुपए भी मांगे थे। लेकिन, बाद में एनटीपीसी ने खुद ही बिजलीघर बनाने का निर्णय लिया और फिर इसका तेजी से निर्माण कार्य शुरू किया गया।

27 सितंबर को हुआ था निर्माण पूरा
स्टेज-1 की पहली यूनिट को 27 सितंबर को सुबह 7:32 बजे सफलतापूर्वक चालू किया गया। इसे ग्रिड से भी जोड़ा गया। 72 घंटे तक पूर्ण लोड पर चलाया गया। स्टेज-2 की दोनों यूनिट चालू हो चुकी हैं। इनसे बिहार को बिजली मिल रही है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *