नीतीश सरकार का फैसला, बिहार के बाहर से बस बुक कर आने की छूट नहीं, होगी गिरफ्तारी और वाहन जब्त

परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा, ट्रेन से आए लोगों को जिलों तक ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था है. लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों और प्रवासी मजदूरों को निजी बस बुक कराकर बिहार लौटने की छूट नहीं दी गई है। परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने निजी बस बुक कराकर दूसरे राज्यों से बिहार आने पर उसका किराया देने जैसा कोई प्रावधान नहीं किया है।

उन्होंने बताया कि सही तथ्य यह है कि राज्य सरकार द्वारा विशेष ट्रेन से बिहार के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर आए छात्रों और श्रमिकों के लिए उनके जिलों तक पहुंचाने के लिए बसों की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। साथ ही सभी जिला मुख्यालयों से प्रखंड स्तरीय कैंप तक पहुंचाने की भी नि:शुल्क व्यवस्था है। उन्होंने ‘हिन्दुस्तान’ के गुरुवार के अंक में पहले पन्ने पर ‘निजी बसों से लौटने पर भी किराया देगी सरकार’ शीर्षक से प्रकाशित खबर को गलत बताया है। उन्होंने कहा है कि उनकी इस संदर्भ में संवाददाता से बुधवार को कोई बात नहीं हुई थी।

गुड न्यूज: बिहार में 24 घंटे में 30 कोरोना पेशेंट ठीक, अब तक 218 पेशेंट स्वस्थ होकर घर लौटे : बिहार में कोरोना पेंशेंट के ठीक होने का रेशियो बढ़ा है। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि बीते 24 घंटे में 30 मरीज ठीक हुए हैं। इस तरह अब तक कुल संक्रमितों में से 218 स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 40 है। अब राज्य में कोरोना के कुल 324 एक्टिव मामले हैं, जिनमें से 55 का इलाज तीन कोविड अस्पतालों में चल रहा है जबकि 269 संक्रमितों को जिला स्तरीय अस्पतालों में आइसोलेशन में रखा गया है। बिहार में गुरुवार को सासाराम निवासी कोरोना संक्रमित 70 साल के बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही बिहार में कोविड-19 संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई।

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