बिहार के लोग मेरे दिल में बसते हैं, बाबा बोले- याद रखना भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है
बिहार के लोगों ने जीता बाबा का दिल, कथा विराम से पहले भावुक हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जब तक प्राण है तब तक आते रहेंगे बिहार :
नौबतपुर के तरेत पाली मठ में चल रहे पांच दिवसीय हनुमत कथा पर बुधवार को विराम लग गया। बालाजी बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्रत्त्ी कथा विराम देने से पहले भावुक हो गए। बाबा बागेश्वर का दिल बिहारियों ने जीत लिया। उन्होंने मंच से खूब आशीर्वाद दिया।

उन्होंने कहा कि आप सब में मुझे अपना भाई, बबुआ नजर आता है। बिहार के लोगों को निरंतर आगे बढ़ने, बिहार व बिहारियों को समृद्ध होने, प्रसन्न रहने, जुग-जुग जीने जैसे कई आशीर्वाद दिए। उन्होंने बिहारियों के लिए बधइयां ‘हमरा जनात बबुआ, जीएम होइए या तो डीएम होइए हो…’ गाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। पांचवें दिन उन्होंने कथा सुनाने के क्रम में कई बार कहा कि ‘वे भी बिहारी हैं’। बिहार में उन्हें बड़ा आनंद आया। पांच दिन की जगह यह कथा सात दिनों की रहती तो अच्छा होता। आप सभी बिहारी हमारी आत्मा हो। मैं संकल्प लेकर कहता हूं कि जब तक हमारे तन में प्राण है, हम बिहार आते रहेंगे। उन्होंने कामना की कि जातिवाद की खाई मिटे और सभी हिंदू एक हो जाएं। डेली बिहार डॉट कॉम
सुंदरकांड का रोचक वर्णन हनुमत कथा के अंतिम दिन उन्होंने सुंदरकांड में रावण दरबार में हनुमान को लाने के प्रसंग से शुरू किया। इसके बाद उन्होंने रावण-हनुमान संवाद को बड़े ही रोचक ढंग से बताया। बाद में रावण द्वारा मृत्यु दंड देने की घोषणा, विभीषण द्वारा दूत को नहीं मारने, कोई अन्य दंड देने, रावण द्वारा हनुमान की पूंछ में आग लगाने, हनुमान द्वारा पूंछ बढ़ाने, आग लगने पर लंका जलाने, सीता की निशानी इंद्र द्वारा प्रदत्त चूड़ामणि लेकर वापस श्रीराम तक लौटने की कथा सुनाई। इसके बाद उन्होंने कथा को विराम दे दिया। उन्होंने कहा कि पूरा सुंदरकांड अगली बार आएंगे तो सुनाएंगे।
सड़कों पर भी हुआ स्वागत बाबा बागेश्वर के पांचवें दिन का कार्यक्रम दोपहर डेढ़ बजे से प्रस्तावित था लेकिन बाबा बागेश्वर जब गांधी मैदान स्थित होटल पनाश से तरेत पाली मठ के लिए निकले तो उन्हें पटना से विदाई देने और उनकी एक झलक पाने के लिए जेपी गोलंबर तक श्रद्धालु खचाखच भरे हुए थे। बाबा की गाड़ी लगभग रेंगते हुए बढ़ती रही। इस मौके पर कई श्रद्धालुओं ने अपने गमछे को बाबा की तरफ उछाला। बाबा ने भी इसे स्वीकार करते हुए गमछे को गले में डाल दिया। उन्होंने इशारों में कहा कि उनकी अर्जी बालाजी बागेश्वर धाम के पास वे लगा देंगे। बाबा का स्वागत पटना से तरेत के बीच कई जगहों पर इसी तरह किया गया। भीड़ के कारण बाबा मठ में लगभग एक घंटे विलंब से पहुंचे।
पोस्टर विवाद बुधवार को बाबा बागेश्वर के जेपी गोलंबर स्थित पोस्टर पर स्याही फेंकी मिली थी। इसके पहले कई पोस्टर फटे मिले थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बाबा बागेश्वर ने कहा कि आप पोस्टर फाड़ सकते हैं, लेकिन बिहार के हृदय में बागेश्वर धाम बसा है, उसे कैसे निकाला जा सकता है। बिहारवासियों के दिलों में सनातन धर्म की ज्वाला जली हुई है। आप सभी रामचरित मानस पढ़िए और तिलक लगाकर घर से निकलिए।
हनुमत कथा में आए श्रद्धालुओं की सेवा में रहे तत्पर मोतीपुर के लोग हनुमत कथा में आए हुए श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर रहे। ग्रामवासियों ने पार्किंग, शुद्ध पेयजल, शर्बत एवं नींबू-पानी की व्यवस्था की। सेवा देने में मुख्य रूप से जयप्रकाश शर्मा, शियाराम शर्मा, संतोष शर्मा, सचिन्द्र शर्मा, सर्वेश शर्मा, विकाश शर्मा, मुन्ना शर्मा, हरिओम शर्मा, रवि शर्मा, लवकुश शर्मा, बिट्टू शर्मा, रितेश शर्मा, मंटू शर्मा समेत गांव के समस्त ग्रामवासी शामिल रहे।
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