सावन में पहली बार टूटी कांवर यात्रा की परंपरा, दो लाख भक्तों ने ऑनलाइन किए बाबा बैद्यनाथ के दर्शन

देवघर. विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेले का इस बार आयोजन नहीं हुआ है, लेकिन बाबा बैद्यनाथ के भक्तों ने सावन की पहली सोमवारी पर उनके ऑनलाइन दर्शन किए। पहले सावन सोमवार पर लाइव दर्शन करने वालों की संख्या जिला प्रशासन के मुताबिक दो लाख के पार पहुंच गई है। सिर्फ देवघर डीसी के फेसबुक पेज, देवघर पीआरडी, राज्य सरकार की वेबसाइट Jhargov.tv, ट्वीटर व यूट्यब पर सोमवार की शाम तक डेढ़ लाख श्रद्धालु बाबा मंदिर के गर्भगृह से आरती का प्रसारण देख चुके थे। दिनभर लोग इस वीडियो को शेयर करते रहे।

सिर्फ देवघर डीसी के फेसबुक पेज पर सोमवार की शाम तक एक लाख से अधिक लोगों ने बाबा का दर्शन कर चुके थे। वहीं हजार से अधिक लोगों ने कमेंट भी किया है। सभी साइटों को मिलाकर शाम तक आंकड़ा दो लाख से पार होने की उम्मीद है। इसके अलावा विभिन्न टीवी चैनलों के माध्यम से भी लोग दिनभर बाबा भोलेनाथ का दर्शन करते रहे। पिछले साल के पहले सावन सेामवार पर बाबा नगरी पहुंचने वाले कांवरियों की संख्या 1.75 लाख थी। वहीं, कतार भी 12 किलोमीटर तक लोग लगे हुए थे। इस बार घर से बैठे ही बाबा का दर्शन करने वालों की संख्या दो लाख के पार पहुंचने की उम्मीद है।

Jhargov.tv के फेसबुक पेज पर शाम तक 65 हजार भक्तों ने दर्शन, 4.4 हजार लोगों ने कमेंट और 501 ने वीडियो शेयर किया है। फेसबुक पेज देवघर पीआरडी पर 9.2 हजार लोगों ने प्रात:कालीन पूजा का सीधा प्रसारण देखा। 107 लोगों ने यह लिंक शेयर किया है। जिला प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट देवघर डॉट एनआईसी पर देर शाम तक दर्शन करने वालों की संख्या एक लाख के पार पहुंचने की बात कही जा रही है। देवघर डीसी के फेसबुक पेज पर 1 लाख लोगों ने प्रात:कालीन पूजा का वीडियो देखा है।

सावन में आदि काल से कांवर लाने की पंरपरा है, ऐसी मान्यता है। लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ है कांवर यात्रा की परंपरा टूट गई है। पंडा समाज ने कांवर यात्रा की परंपरा को निभाने के लिए अनुमति मांगी है, ताकि सावन में कांवर यात्र की कम से कम औपचारिकता निभाई जाए। फिलहाल इसकी भी अनुमति नहीं मिली है।

श्रावण मेले के प्रथम दिन प्रथम सोमवार बाबा बैद्यनाथ मंदिर पट खुलने के पश्चात परंपरा के मुताबिक बाबा वैद्यनाथ पर कांचा जल चढ़ाने के पश्चात पुजारी विनोद झा द्वारा पूरे विधि-विधान पूर्वक बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की गयी। इस दौरान फुलेल, ईत्र, दूध-दही, घी, शक्कर, फल-फूल, मधु, धोती-साड़ी, जनेऊ आदि शिवलिंग पर अर्पित किया गया। बाबा बैद्यनाथ की पूजा-अर्चना के बाद मंदिर पट सांध्य काल तक के लिए बंद कर दिया गया। सरकारी पूजा के बाद दिनों की तरह ही मंदिर को बंद कर दिया गया, ताकि कोई भी व्यक्ति मंदिर तक नहीं पहुंच सके। शाम को 45 मिनट तक बाबा का श्रृंगार पूजा का लाइव किया गया।

श्रावणी मेला के पहले दिन अहले सुबह मेला व्यवस्था का जायजा लेने संथाल परगना के डीआईजी नरेन्द्र सिंह, उपायुक्त नैनसी सहाय, एसपी पीयूष पांडे सहित अन्य सभी अधिकारी मंदिर पहुंचे। जिले में प्रवेश से श्रद्धालुओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा त्रिस्तरीय सुरक्षा की तैयारी की गई है। जिसमें पहले स्तर में दूसरे राज्यों से आने वाले यात्री वाहनों को जिले की सीमा पर से ही लौटाया जा रहा है। सभी मेला आयोजन नहीं होने की जानकारी दी जा रही है।

सीमावर्ती क्षेत्रों तैनात पदाधिकारियों को श्रद्धालुओं से पूरी विनम्रता के साथ उन्हे वापस भेजने का निर्देश दिया गया है। जिले मे प्रवेश के लिए ई-पास की आवश्यकता कर दी गई। ई-पास लेने के बाद मंदिर में किसी को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। वहीं दूसरी सुरक्षा में झारखंड के अन्य जिलों से आने वाले वाहनों के भी बिना पास के जिला में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है। एसपी पीयूष पांडे ने बताया कि इसके लिए जिले की सीमा पर वाहनों को रोका जा रहा है। तीसरी तरफ मंदिर के नजदीक में कई जगहों पर चेकनाका बनाया गया है। ताकि कोई मंदिर तक नहीं पहुंच सके।

शिवगंगा में यात्रियों को स्नान करने से रोकने के लिए शिवगंगा के चारों और बड़े-बड़े बेरिकेड लगा दिए गए हैं, ताकि कोई शिवगंगा में स्नान करने नहीं जा सके। मंदिर बंद होने के बाद भी कुछेक श्रद्धालु इधर-उधर से जल लेकर मंदिर तक पहुंचने की कोशिश में रहे है, लेकिन पुलिस के द्वारा उन्हे रास्ते ही वापस भेज दिया गया। लोगों को रोकने के लए त्रिस्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है। वहीं मंदिर में पुलिस बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

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