बैद्यनाथ राम: शिक्षक की नौकरी छोड़ चुनाव लड़े और जीत कर बन गये मंत्री

लातेहार. पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम (Former Minister Baidyanath Ram) 10 साल बाद लातेहार सीट पर चुनावी मैदान में हैं. हाल में उन्होंने बीजेपी (BJP) छोड़कर जेएमएम (JMM) ज्वाइन कर ली. और अब जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि 2014 का चुनाव उन्होंने नहीं लड़ा था. बैद्यनाथ राम लातेहार शहर के शहीद चौक स्थित धोबी मोहल्ले के रहने वाले हैं. उनका जन्म साल 1967 में लातेहार के ही परसही गांव में हुआ. इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव में प्राप्त की. मैट्रिक और इंटर बालक उच्च विद्यालय, लातेहार से किया. लातेहार के बनवारी साहू महाविद्यालय से इन्होंने राजनीतिक शास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की.

शिक्षा पूरी करने के बाद बैद्यनाथ राम लातेहार शहर में स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में अध्यापक के रूप में लगभग 3 वर्षों तक काम किया. साल 2000 में जब झारखंड अलग राज्य बना तो बैद्यनाथ राम शिक्षक की नौकरी छोड़कर सियासत में आ गये. साल 2000 में उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के टिकट पर पहली बार लोहरदगा सीट विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. चुनाव जीतने के बाद बैद्यनाथ राम सूबे के खेल मंत्री बने. बाद में मद्य निषेध मंत्री और फिर स्वास्थ्य मंत्री बनाये गये.

2005 में बैद्यनाथ राम जेडीयू छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गये और बीजेपी के टिकट पर लातेहार से चुनाव जीते और शिक्षा मंत्री बने. हालांकि 2009 में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर इन्हें आरजेडी के प्रकाश राम ने चुनावी शिकस्त दी. 2014 का चुनाव बैधनाथ राम नहीं लड़े.

बैद्यनाथ राम इस बार बीजेपी से टिकट पर लातेहार से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे. लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटकर प्रकाश राम को उम्मीदवार बनाया है. प्रकाश राम जेवीएम के टिकट पर पिछली बार लातेहार से चुनाव जीते, लेकिन चुनाव के बाद बीजेपी में शामिल हो गये. उधर, बैद्यनाथ राम बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर जेएमएम में शामिल हो गये. लातेहार सीट पर ये अभिशाप रहा है कि यहां की जनता ने अपने विधायक को लगातार दोबारा मौका नहीं दिया है.

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