पटना का बेली रोड बना नेहरू पथ, कैबिनेट बैठक में 15 प्रस्तावों पर लगी मोहर

बिहार कैबिनेट की बैठक बुधवार को देर शाम हुई। शाम लगभग सवा सात बजे हुई इस बैठक में बिहार कै‍बिनेट ने 15 प्रस्‍तावों पर मुहर लगाई। बैठक की अध्‍यक्षता मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने की। पहले यह बैठक शाम 5 बजे होनेवाली थी। लेकिन बाद में इसका समय बढ़ा दिया गया। फिर बैठक शाम छह बजे शुरू हुई। बैठक में इस पर मुहर लग गई कि पटना का बेली रोड अब नेहरु पथ के नाम से जाना जाएगा। पहले इसका नाम जवाहर लाल नेहरू मार्ग किया गया था, लेकिन आम लोगों को बोलने में सहजता को लेकर इसे छोटा किया गया। इसके अलावा जल जीवन हरियाली मिशन के लिए राशि आवंटित की गई। वहीं कई विभागों में पद भी सृजित किए गए।

दो अक्टूबर से प्रारंभ होने वाले जल-जीवन-हरियाली मिशन पर राज्य सरकार अगले तीन वर्ष में 24524 करोड़ रुपये खर्च करेगी। मुख्यमंत्री के इस महत्वकांक्षी अभियान की प्राथमिकताओं एवं लक्ष्यों के निर्धारण, नियमित मॉनीटरिंग एवं अभियान को मिशन मोड में लागू करने के लिए जल-जीवन-हरियाली मिशन का गठन भी किया जाएगा।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि विगत कुछ वर्षों में जलवायु परिर्वतन के फलस्वरूप वर्षापात में कमी और भू-गर्भ जल का अत्याधिक दोहन किए जाने की वजह से भू-जल स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। दक्षिण बिहार के साथ ही उत्तर बिहार में भी यह गिरावट पाई जा रही है। 13 जुलाई को विधानमंडल सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों के सदस्यों, मुख्यसचिव और सचिवों के साथ इस समस्या पर विमर्श किया गया। जिसमें आए सुझावों के आधार पर जल-जीवन-हरियाली अभियान प्रारंभ करने का फैसला लिया गया। उन्होंने बताया कि दो अक्टूबर को इस अभियान की शुरुआत खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। तीन वर्ष तक चलने वाले इस अभियान के लिए आज मंत्रिमंडल ने कई निर्णय लिए। अगले तीन वर्ष के दौरान अभियान को सफलता पूर्वक संचालित करने के लिए मंत्रिमंडल ने 24524 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। चालू वित्तीय वर्ष में इस अभियान पर 5870 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वित्तीय वर्ष 2020-21 में अभियान के लिए 9874 करोड़ और 2021-22 के लिए 8780 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

अभियान के संचालन के लिए जल-जीवन-हरियाली मिशन का गठन भी होगा। इस मिशन के कार्यपालक पदाधिकारी आइएएस सेवा का कोई अधिकारी होगा। इसमें सदस्य के रूप में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित 15 और विधान परिषद के सभापति की ओर से मनोनीत 5 सदस्य होंगे। पर्यावरणीय मामलों के जानकार इसमें विशेषज्ञ सदस्य के रूप में रहेंगे। इसके अलावा राज्य और जिला स्तर पर राज्य परामर्शदातृ समिति भी बनेगी। राज्य स्तर पर बनने वाली इस समिति की अध्यक्षता संसदीय कार्य मंत्री के जिम्मे होगी जबकि जिला स्तर की समिति की अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री करेंगे। परामर्शदातृ समिति की कार्यकारिणी में भी विशेषज्ञ रखे जाएंगे। इस पूरे अभियान का मार्गदर्शन बिहार विकास मिशन के तहत गठित शासी निकाय द्वारा किया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने बिहार चौकीदार संवर्ग नियमावली 2006 के नियमों में दो उप नियम भी जोडऩे का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। उन नियम जोडऩे के बाद चौकीदारों के दंड का निर्धारण जिला स्तर पर आरक्षी अधीक्षक (एसपी) करेंगे। चौकीदारों की नियुक्ति पूर्व की तरह जिलाधिकारी द्वारा ही होगी।

मंत्रिमंडल ने प्रदेश के 24 जिला मुख्यालयों में 123.54 करोड़ रुपये की लागत पर जिला पंचायत संसाधन केंद्र (डीपीआरसी) भवन निर्माण और 14 अपेक्षाकृत छोटे जिलों में चार करोड़ रुपये की लागत से जिला पंचायत संसाधन केंद्र भवन निर्माण बनाने की मंजूरी भी दी है।

मंत्रिमंडल ले बेहतर पुलिसिंग के लिए राज्य के विभिन्न जिलों के 43 पुलिस अनुमंडलों में अपर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एएसडीपीओ) के 43 अतिरिक्त पद सृजन की मंजूरी भी दी है। इसके साथ ही भवन निर्माण विभाग के तहत गेट स्कोर के आधार पर संविदा पर नियोजित 44 असिस्टेंट इंजीनियरों की नियोजन अवधि को एक वर्ष के लिए अवधि विस्तार देने का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है।

मंत्रिमंडल ने सुपौल जिला के वीरपुर में आइबी कार्यालय के लिए केंद्र सरकार को 7.87 लाख रुपये मूल्य पर दस डिसमिल जमीन देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। साथ ही विशेष निगरानी इकाई में अनुबंध पर नियुक्त अरुण कुमार शर्मा की सेवा अवधि को 10 मई 2021 तक का विस्तार देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है।

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