खस्सी का मांस खाने वाले हो जाये सावधान, बकरियों में फैल रही है जानलेवा विषाणु

गोपालगंज. अभी कोरोना की वैक्सीन आई नहीं और जानवरों में अजीबो-गरीब बीमारी देखने को मिल रही है . कहावत है कि गरीब की गाय बकरी होती है. अब बकरी में महामारी फैल रही है. महामारी की जद में आकर अब तक एक दर्जन से अधिक बकरियों की मौत हो चुकी है. विशेषज्ञों के अनुसार इस पर काबू नहीं पाया गया तो इसकी चपेट में बड़ी संख्या में बकरी और भेढ़ आ जायेंगे.

वहीं बीमार बकरियों के मांस के खाने पर सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है. बरौली प्रखंड के नवादा, मांझा के निमुइया गांव में एक सप्ताह में लगभग 15 बकरियों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है. कई दर्जन आक्रांत हैं. इसको लेकर बकरी पालकों की नींद उड़ी हुई है. ग्रामीण बाहुल्य गांवों के लोगों की आजीविका का मुख्य साधन बकरी पालन ही है. बकरी से आमदनी की बदौलत घरों का चूल्हा जलता है.

ग्रामीण अशगर अली ने बताया कि अब तक छह बकरे की मौत हो चुकी है. अब उनके पास मात्र छह ही बकरे ही बचे हैं. बरौली के मिल्कियां की जानकी देवी, रतनसराय के असगर अली ने बताया कि गांव में 15 बकरी की मौत हो चुकी है. इस गांव में 200 से अधिक बकरी हैं. जिसमें अधिसंख्य बीमारी से ग्रस्ति हैं. बकरी की आंख से पानी गिरना, मुंह में घाव, पेट खराब रहना बीमारी के लक्षण हैं. बकरियां खाना छोड़ रही हैं.

वहीं पशुपालन विभाग के डॉक्टरों ने बताया कि यह पीपीआर बीमारी है. यह विषाणु जनित रोग है. इसे बकरियों की महामारी या बकरी प्लेग भी कहते हैं. प्रारंभ में बकरियों में जुकाम, बुखार व डायरिया के लक्षण के बाद नाक व थूथन में झाले पड़ने लगते हैं और मौत हो जाती है. ग्रामीणों ने कहा कि बकरियों को नहीं बचाया गया तो उनके समक्ष आर्थिक विपन्नता उत्पन्न हो जायेगी.

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