शादी के अगले दिन ही लागू हो गया लॉकडाउन, 22 दिन से छपरा में फंसे हैं 36 बाराती

Patna: ‘शादी करके फंस गया यार’ वाली कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन हम आपको जो कहानी बताने जा रहे हैं, उसमें भी कुछ ऐसी ही परिस्थिति बन गई है. हालांकि, इसमें दुल्‍हन पक्ष का कोई हाथ नहीं है. दरअसल, जिस दिन दूल्हे की बारात थी, उसके अगले ही दिन पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा हो गई. दूल्हा कोलकाता से बारात लेकर छपरा के मांझी आया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण रेलगाड़ी के साथ-साथ सड़क यातायात भी बंद हो गया. ऐसे में दुल्हन के घरवालों ने दूल्हा-दुल्हन और बारातियों को गांव के बाहर एक स्कूल में ठहरा दिया.

गांव के स्कूल में रह रहे 36 बाराती

यहां 22 दिनों से 36 बारातियों ने इस स्कूल में शरण लिया हुआ है. 21 दिन किसी तरह बिताने के बाद इन बारातियों का सारा पैसा खत्म हो चुका है. लिहाजा अब गांव वालों की मदद से ये लोग भोजन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन की अवधि को फिर से 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है, जिसके बाद ये लोग परेशान हो गए हैं. सभी बाराती पश्चिम बंगाल के भिखमहि गांव से छपरा के मांझी आये थे. इन लोगों ने वापस लौटने के लिए प्रशासन से पास भी निर्गत कराया था, लेकिन झारखंड प्रशासन ने इनके पास को अमान्य करार देते हुए वापस लौटा दिया.

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घर छोड़ बारातियों संग ही रह रही है दुल्हन

बारातियों के कष्ट को देखते हुए दुल्हन खुशबू भी अपने मायके को छोड़ बारातियों के साथ कैंप में रह रही है. बारात में शामिल फिरोज का कहना है कि वे लोग लॉकडाउन में फंस चुके हैं, लेकिन मांझी के ग्रामीणों ने उनकी काफी मदद की है. संजीव कुमार ने बताया कि ग्रामीणों की मदद से तमाम बारातियों को भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है. हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव छोड़कर तमाम लोग लॉकडाउन में फंसे लोगों की मदद कर रहे हैं. फिरोज का कहना है कि प्रशासन ने कोई मदद नहीं की, लेकिन आम लोगों की मदद से वे लोग अपना वक्त तरह से बिता रहे हैं.

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