अधिक जलाभिषेक करने के कारण भगवान जगन्नाथ की बिगड़ी तबीयत, 15 दिनों तक दवाई खाना होगा

भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन 20 जून को शहर में धूमधाम से किया जाएगा। लगभग 200 वर्ष प्राचीन भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से पहले जगत के नाथ भगवान जगन्नाथ 15 दिनों तक एकांतवास पर चले गए। भक्तों द्वारा अत्याधिक जलाभिषेक के कारण भगवान जगन्नाथ 15 दिनों तक बीमार रहेंगे। इस दौरान भोग पूजन में भगवान को औषधि युक्त काढ़े का भोग लगाया जाएगा। एकांतवास के दौरान भक्त भगवान के दर्शन नहीं कर सकेंगे।

रविवार को प्राचीन जगन्नाथ गली स्थित बाई जी मंदिर में भगवान के विग्रह का विधिवत जलाभिषेक कर पूजन अर्चन किया गया। मंदिर के पुजारी दिवाकर शुक्ला ने भगवान जगन्नाथ बलभद्र और माता सुभद्रा का श्रृंगार कर आरती पूजन किया। इसके बाद मंदिर के पट 15 दिनों के लिए बंद कर दिए गए। उन्होंने बताया कि एकांतवास के दौरान भक्त भगवान के दर्शन नहीं कर सकेंगे।

हालांकि प्रतिदिन भगवान को परंपरागत रूप से औषधि युक्त काढ़े का भोग लगाया जाएगा। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़े ज्ञानेंद्र विश्नोई ने बताया कि पुरी के भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की तरह ही शहर लगभग 200 वर्षों से परंपरागत रूप से भगवान के रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष भी भगवान 20 जून रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण करेंगे और भक्तों को दर्शन देंगे।

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