भारतीय रेलवे ने शुरू की कौशल विकास योजना, 50 हजार को होगा फायदा

नई दिल्ली. भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने दूर दराज के इलाकों के बच्चों के लिए कौशल विकास योजना (Kaushal Vikas Yojana) की शुरुआत की है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णवन ने ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत रिमोट इलाकों के 50 हजार बच्चों की स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम दूरस्थ क्षेत्रों में अपनी पहुंच को बेहतर बनाने के लिए मोबाइल कौशल प्रशिक्षण इकाइयां भी स्थापित करेंगे। आइए आपको बताते हैं भारतीय रेलवे द्वारा शुरू की गई कौश विकास योजना की खास बातें।

भारतीय रेल के 17 जोन एवं 7 उत्पादन इकाइयों के 75 प्रशिक्षण केंद्रों में मिलेगा 18 कार्य दिवसों में 100 घंटे का प्रशिक्षण।

75 प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से 2024 तक 50,000 युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।

शुरुआत में 4 ट्रेडों- इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, फिटर और मशीनिस्ट में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सभी 18 से 35 वर्ष आयु के युवा जो 10वी कक्षा पास कर चुके हैं मेरिट के आधार पर ले सकेंगे नि:शुल्क प्रशिक्षण।

कौशल विकास योजना के माध्यम से व्यावहारिक व टैक्निकल कोर्स मॉड्यूल्स के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमे प्रैक्टिकल प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

आपको बता दें कि रेल कौशल विकास योजना (आरकेवीवाई) आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल है और यह आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला का भी हिस्सा है। वैष्णव ने योजना की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक्स के इस युग में ये कौशल बेहद प्रासंगिक होंगे। मैं इसके सबसे अच्छे पहलू के बारे में सबसे अधिक खुश हूं, वह यह है कि प्रशिक्षण शहरों से अलग दूरदराज के इलाकों में उपलब्ध होगा।’’

प्रशिक्षण कार्यक्रम चार विधाओं – इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट और फिटर, में आयोजित किए जाएंगे और देश भर से चुने गए प्रतिभागियों को 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों में 100 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। रेलवे ने कहा, ‘‘इन संस्थानों द्वारा समय-समय पर इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और प्रतिभागियों का चयन मैट्रिक में मिले अंकों जैसी पारदर्शी व्यवस्था के आधार पर किया जाएगा। हालांकि, प्रतिभागी का इस तरह के प्रशिक्षण के आधार पर रेलवे में रोजगार पाने का कोई दावा नहीं कर सकेंगे।’’

कार्यक्रम के लिए बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने पाठ्यक्रम विकसित किया गया है, जो इस योजना के लिए नोडल इकाई है। मंत्रालय ने कहा कि इस योजना की शुरुआत 1,000 प्रतिभागियों के साथ की जा रही है और तीन साल की अवधि में 50,000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया जाएगा। बयान में कहा गया, ‘‘प्रशिक्षुओं को एक मानकीकृत मूल्यांकन से गुजरना होगा और कार्यक्रम के पूरा होने पर उन्हें रेलवे/ राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा।’’

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