भावना कंठ : छोटे से गांव की साधारण लड़की जिसने फाइटर पायलट बनकर परिवार का नाम रौशन कर दिया

Bhavna Kanth: An ordinary girl from a small village who became a fighter pilot and brightened the family’s name : सेना और अर्धसैनिक बलों में आज के समय में महिलाएं भी बढ़ चढ़ कर शामिल हो रही हैं। वो पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की सेवा कर रही हैं। ऐसा ही एक नाम है भावना कंठ का। भावना बिहार का एक सुदूर देहाती इलाके से आती हैं।

उनका गांव बाउर दरभंगा जिले में आता है। यहां बाढ़ के समय में पूरा गांव बाढ़ के पानी से घिर जाता है। गांव में अधिकतर कच्चे मकान हैं। ऐसे छोटे से गांव से आने वाली एक साधारण सी लड़की ने अपने गांव का भी नाम रौशन कर दिया है। हालांकि उनकी पढाई बेगूसराय में हुई लेकिन बाउर उनका पुश्तैनी गांव है। भावना के पिता इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में इंजीनियर और मां गृहिणी हैं।

भावना कंठ ने कक्षा दस तक बेगूसराय जिले की बरौनी रिफाइनरी के डीएवी स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने कोटा के विद्या मंदिर स्कूल में प्रवेश लिया। बरौनी रिफ़ाइनरी के डीएवी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद भावना ने बीएमएस कॉलेज, बेंगलुरू से बी.टेक. (इलेक्ट्रॉनिक्स) इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की ।

वर्ष 2014 में भावना को भारतीय वायुसेना में शार्ट सर्विस कमीशन मिला और उसके बाद उन्हें फाइटर पायलट की ट्रेनिंग के लिए चुना गया। भावना भारत की पहली तीन महिला लड़ाकू विमान पायलट्स में शामिल हैं। उन्हें अवनि चतुर्वेदी और मोहना सिंह के साथ लड़ाकू पायलट कमीशन किया गया था। ख़ास बात यह भी है कि देश भर की कुल 120 महिला कैडेट्स में से इन तीनों लड़कियों का चयन किया गया था।

उन्होंने हैदराबाद की एयरफोर्स एकेडमी में फाइटर प्लेन उड़ाने का प्रशिक्षण लिया। यानी पायलट ट्रेनिंग में जम कर पसीना बहाया। अपने सपने को सच कर दिखाया और फिर अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से 30 मिनट तक लड़ाकू विमान मिग-21 उड़ाकर इतिहास रच दिया।

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