लालू का नीतीश पर तंज, जब सेनापति मैदान छोड़ के भागल रही त ल’ड़ाई के लड़ी हो सुशासन बाबू

लालू का भोजपुरी में ट्वीट- ऐ नीतीश! 4 महीना में आपन बंगला से 4 बार भी बाहर न निकला, ई लुकाछिप्पी से कोरोना न भागी…

बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus infection) के मामले में तेजी से वृद्धि होती जा रही है. मुख्यमंत्री आवास, मुख्य सचिव का कार्यालय और राजभवन तक में कोविड 19 के पॉजिटिव पेशेंट सामने आ चुके हैं. भाजपा के तो 24 नेताओं को कोरोना होने की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, आरजेडी (RJD) के भी कई नेता इस जद में आ चुके हैं.

आलम यह है कि प्रदेश में हर दिन 1000 से अथिक कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जा रहे हैं. वहीं, पटना में बुधवार से शुक्रवार दोपहर 2 बजे तक 650 पेशेंट सामने आ चुके हैं. पटना में ढाई हजार से अधिक कोरोना पीड़ित सामने आ चुके हैं. इस बीच, बिहार में विधानसभा चुनाव करवाने की भी तैयारियां की जा रही हैं. जाहिर है राजनीति भी जारी है. इसी क्रम में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भोजपुरी में एक ट्वीट किया गया है. इसमें उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को अपने निशाने पर लिया है.

लालू यादव ने अपनी पत्नी व बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के ट्वीट को टैग करते हुए अपना ट्वीट भोजपुरी में किया. उन्‍होंने लिखा, ‘ए नीतीश! लगभग 4 महीना हो गऽइल बंदी के, जनता मे त्राहीमाम बा, रोजी-रोटी, जान-माल पर आफ़त बा. तऽहार राज में बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, अत्याचार चरम पर बा। 4 महीना मे आपन बंगला से 4 बार भी बाहर ना निकलऽअ ई लुकाछिप्पी से कोरोना ना भागऽइ. जब सेनापति मैदान छोड़ के भागऽल रही त लड़ाई के लड़ऽइ.

लालू यादव ने इसके बाद एक और ट्वीट करते हुए लिखा, 4 महीना में 4 बार भी नीतीश लोग के बीच में ना गईलऽन. बेरोज़गारी, भुखमरी, घूसखोरी,अपराध से जनता रोऽअऽता आ नीतीश आपऽन सुशासनी मुखौटा” के रंगाई-पोताई में लागल बाऽडऽन. बिहार के हाल देखऽके हमार दिल रोऽअऽता.

बता दें कि इससे पहले राबड़ी देवी ने एक ट्वीट किया था जिसमें सीएम नीतीश कुमार के सामने नहीं आने को लेकर तंज कसा था. राबड़ी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि बाढ़, कोरोना, इलाज का अभाव, जल जमाव, ग़रीबी, पलायन, बेरोज़गारी समेत अनेक समस्याओं से बिहार त्राहिमाम कर रहा है, लेकिन सूबे के मुखिया की कोई खोज खबर नहीं. इतना टोकने के बाद 100 दिन उपरांत अतिथि भूमिका में अवतरित हुए थे, लेकिन फिर अदृश्य हैं. संकट की घड़ी में CM को लोगों के बीच रहना चाहिए.

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