बिहार में गलत ढ़ंग से नहीं होगी जमीन की खरीद-बिक्री, रजिस्ट्री होते ही मोबाइल-ईमेल पर आएगा मैसेज

जमीन की रजिस्ट्री कराते ही अब मोबाइल पर मैसेज आ जाएगा। संबंधित व्यक्ति को ई मेल से भी जानकारी दी जाएगी। इसके लिए दस्तावेजों को ऑनलाइन करने का काम शुरू हो गया है।

प्रथम चरण में सभी अंचल कार्यालयों को रजिस्ट्री ऑफिस से ऑनलाइन जोड़ने का काम चल रहा है। रजिस्ट्री के समय ही दाखिल खारिज करने की अनिवार्यता कर दी ई है। रजिस्ट्री ऑफिस से ही जमाबंदी के लिए सीडी अंचल कार्यालयों को भेज दी जाएगी। इससे हर अंचल में पता चल जाएगा कि कौन सी भूमि किसके नाम से है। खतियानी जमीन में सबसे अधिक विवाद है, इसीलिए दूसरे चरण में जिला राजस्व अभिलेखागार में सुरक्षित रखे गए दस्तावेजों को भी ऑनलाइन किया जाएगा। जैसे-जैसे न्यायालय से मामले निष्पादित होंगे, वैसे-वैसे भू-स्वामी का नाम रजिस्टर-2 में दर्जहोगा।

अपर समाहर्ता राजस्व राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सॉफ्टवेयर में कुछ कमी थी, जिससे ऑनलाइन व्यवस्था में परेशानी हो रही थी। नये सॉफ्टवेयर से जमीन के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। फर्जी तरीके से बेची जाने वाली भूमि का पता भी चल जाएगा, क्योंकि मोबाइल पर मैसेज जाने से भू-स्वामी को पता चल जाएगा | यदि गलत तरीके से कोई बिक्री करने का प्रयास करेगा तो ऐसे में भू-स्वामी अंचल से लेकर जिले में कहीं भी शिकायत दर्जकरा सकता है। ऐसी जमीन की जमाबंदी भी रद्द कर दी जाएगी।

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भरना होगा फॉर्मेट : जमीन की रजिस्ट्री कराते समय ही लोगों को अलग से एक फॉर्मेट भरना होगा, जिसमें जमीन का पूरा विवरण देना होगा … जैसी सूचनाएं खरीदने और बेचने वाले दोनों को रजिस्ट्री के पहले देनी होगी। पटना जिले में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें एक जमीन के कई दावेदार हैं। इनमें सबसे अधिक दानापुर, नौबतपुर, बिहटा और मनेर में अधिक मामले हैं । हालांकि अब निबंधन विभाग में ऐसे मामलों की विशेष छानबीन के बाद ही जमीन की रजिस्ट्री की जा रही है। पटना में करीब ढाई हजार से अधिक ऐसे मामले हैं | यह मामला तब खुला, जब हाल ही में दाखिल खारिज के लिए कैंप शुरू किए गए।

जमीन से जुड़े 2 हजार से अधिक मामले सीओ, डीसीएलआर, एडीएम राजस्व और डीएम के कोर्ट में लंबित हैं। इनमें ज्यादा पारिवारिक भूमि के मामले हैं। 0% ऐसे मामले हैं, जिनमें खरीदी गई जमीन पर दूसरे ने दावेदारी कर दी है। अफसरों का कहना है कि कुछ लोग सिविल न्यायालय में भी परिवाद दायर कर रखा है । जब तक फैसला नहीं आता, तब तक ऐसी भूमि के रेकॉर्ड ऑनलाइन करने में परेशानी होगी।

जमीन की रजिस्ट्री है को ऑनलाइन करने की दिशा में काम शुरू हो गया है । नई व्यवस्था से जमीन का विवाद कम होने की संभावना रहेगी। फर्जीवाड़ा भी रुकेगा। – कुमार रवि, जिलाधिकारी, पटना

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