मैट्रिक परीक्षा को लेकर बिहार बोर्ड का बड़ा फैसला, नकल करने वाले छात्र अब नहीं जाएंगे जेल

PATNA : मैट्रिक परीक्षा में नकल करने वाले छात्र या गलत तरिके से परीक्षा देने वाले छात्र अब न तो हिरासत में लिए जाएंगे और न ही उन्हें पुलिस के सामने प्रस्तुत कर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।परीक्षा में पकड़े जाने वाले ऐसे छात्रों को लेकर सीआईडी के एडीजी विनय कुमार ने जिलों के एसपी को निर्देश दिए हैं।परीक्षा के दौरान पकड़े गए नकलची छात्रों को विशेष किशोर पुलिस इकाई या बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को अग्रसारित किया जाएगा।इसके साथ ही ऐसे छात्रों की सामाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

असमें यह लिखना होगा की स्टूडेंट को किन परिस्थितियों में पकड़ा गया है।इसके बाद स्टूडेंट को रिपोर्ट के साथ किशोर नयाय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।सीआईडी के अधिकारी ने लिखा है कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 और किशोर न्याय नियमावली 2016 लागू है।जिसमें 18 साल से कम उम्र के किशोर को विधि विरुद्ध बालक कहा जाएगा।जिसमें यह साफ है कि बालकों को हिरासत में नहीं रखा जाएगा और न ही पुलिस और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकेगा।

17 फरवरी से शुरू होने वाली मैट्रिक परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए शिक्षा विभाग ने अपनी तैयारी मुकम्मल कर लेने की बात कही है। डीईओ डॉ।विमल कुमार ठाकुर का कहना है कि हड़ताली शिक्षकों से मैट्रिक परीक्षा संचालन पर असर नहीं पड़ेगा। जरूरत से दोगुने शिक्षक उपलब्ध हैं। 14 फरवरी तक सभी शिक्षकों की सूची जिला मुख्यालय को उपलब्ध हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि 2500 नियोजित एवं नियमित शिक्षक, 2000 प्रांरभिक विद्यालयों के नियमित शिक्षक, 1500 ट्रेनिंग कॉलेज के प्रशिक्षु शिक्षक (बीईएड, डीएलएड) एवं 500 की संख्या में तालिमी मरकज और टोला सेवकों से कार्य लिया जाएगा। इधर डीपीओ स्थापना अब्दुस्सलाम अंसारी ने कहा कि एक केंद्र पर 50 शिक्षकों की जरूरत है और हमारे पास साढ़े छह हजार शिक्षक हैं, जबकि 3150 शिक्षकों की ही जरूरत है।

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