बिहार विधानसभा में बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने साल 2025 और 26 का बजट भाषण पेश किया. इस दौरान उन्होंने बिहार का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया लेकिन अगर इस बजट को आप गौर से देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि यह बजट भी एक तरह से गठबंधन का बजट है. जो जो विभाग बिहार में भाजपा नेताओं के पास है उस विभाग में जबरदस्त पैसों का आवंटन किया गया तो वहीं जो जो विभाग जदयू नेताओं के पास है उसमें बहुत कम पैसे दिए गए. अगर आप निर्दलीय विधायक और अन्य दल के नेताओं के पास जो विभाग है उसकी बात करें तो उन्हें कुछ भी नहीं मिला.
आसान भाषा में समझिए तो इस बार के बजट में बिहार सरकार के उन विभागों में जिस विभाग का जिम्मा भाजपा नेताओं के पास है, उसके लिए 161525.61 करोड़ रुपए दिए गए हैं. नेताओं के पास जो विभाग है उसके लिए 154923.7 करोड रुपए दिए गए हैं. एक तरह से कहा जाए तो बीजेपी की तुलना में जदयू के नेताओं को 6601.91 करोड रुपए दिए गए हैं.
अब यह भी जान लीजिए कि भाजपा जदयू के अलावे जो विभाग नीतीश सरकार में शामिल अन्य दल के नेता है उनको क्या मिला. हम के मंत्री संतोष कुमार सुमन के विभाग में 1839.11 करोड़ और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह के विभाग में मात्र 1159 करोड़ दिए गए हैं.
इस बजट में सबसे ज्यादा पैसा शिक्षा पर दिया गया जो कि जदयू के मंत्री सुनील सिंह के पास है तो उसके बाद कृषि पर दिया गया जो कि भाजपा के नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिंहा के पास है. शिक्षा विभाग को 60964.87 करोड़ रूपया दिया गया है. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के पास जो जो विभाग है उसके लिए सबसे अधिक 83205.66 करोड रुपए दिए गए हैं. इसके बाद सबसे अधिक स्वास्थ्य विभाग को 2003 5.80 करोड़ दिए गए हैं. गृह विभाग को 17831.21 करोड़ दिए गए हैं तो ग्रामीण विकास विभाग को 16093.46 और ऊर्जा विभाग को 13484 करोड रुपए दिए गए हैं.
कृषि क्षेत्र को बिहार में भले महत्वपूर्ण माना जाता हो लेकिन आपको जानकर आश्चर्य लगेगा कि इस बजट में मात्र 1.1 1% खेती पर खर्च होने हैं. पथ निर्माण विभाग को 68006 करोड रुपए दिए गए हैं.
बताते चलें कि बिहार में कैबिनेट विस्तार होने के बाद जदयू कोटे से जहां 13 मंत्री है तो वहीं भाजपा कोटे से 21 मंत्री हैं