Ashok kumar mishra : क्या यह बजट आम है या कुछ तो खास है । नीतीश और सम्राट उड़ चले आकाश , देखते रह गए विजय सिंहा और तेजस्वी ।
चुनावी वर्ष में सोमवार को बिहार के उप मुख्यमंत्री सह वित्त विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने राज्य का बजट बिहार विधान सभा में पेश किया । जैसे की उम्मीद की जा रही थी कि चुनावी वर्ष होने के कारण महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली की तर्ज पर नीतीश सरकार भी कैश पेमेंट पर फोकस करेगी और एक ऐसी योजना की घोषणा करेगी जिसमें लोगों को नगदी रुपए का भुगतान करेगी । उसमें भी जब राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी और बिहार विधान सभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी झारखंड के मैया सम्मान योजना के तर्ज पर बिहार में भी माई बहन योजना लागू करने और हर महिलाओं को नगद 2500 रूपये हर माह देने का ऐलान किया था.
ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि तेजस्वी के इस ऐलान को कुंद करने के लिए नीतीश अपना खजाना महिलाओं के लिए खोल देंगे, लेकिन नीतीश इस मामले में कंजूस दिखे, लेकिन इसके बावजूद नीतीश सरकार ने आधी आबादी को रिझाने और अपना वोट बैंक मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी । आधी आबादी को रिझाने के लिए बजट में सबसे ज्यादा घोषणाएं ही नहीं योजना चलाने का दावा भी किया गया है.
इसमें दिल्ली की अरविंद केजरीवाल के तर्ज पर बिहार में महिलाओं के लिए अलग बस चलेगी जिसमें यात्री के साथ साथ ड्राइवर और कंडक्टर भी महिला ही रहेगी । इतना ही नहीं महिलाओं के लिए जिम भी खोले जाएंगे जिसमें ट्रेनर भी महिलाएं होंगी । इसके अलावा राज्य के प्रत्येक पंचायत में कन्या विवाह के लिए कन्या विवाह मंडप पटना में महिला हाट महिला रोजगार बढ़ावा के लिए ई रिक्शा एवं दो पहिया वाहन खरीदने जे लिए अनुदान महिला सिपाहियों के लिए थाना के बगल में एवं अन्य कर्मचारियों के लिया छात्रावास योजना शुरू करने का ऐलान किया ।
इसके अलावा पिछड़ा अतिपिछड़ा एवं दलित छात्रों के लिए अनुदान की राशि एक हजार से बढ़ा कर दो गुणी कर दी गई जिसमें आधी आबादी यानी छात्रा भी है। इसके अलावा हर शहर में महिलाओं के लिए पिंक शौचालय भी बनाए जाएंगे ।
यानि बजट में भले ही छोटी छोटी राशि खर्च होगी लेकिन महिलाओं के लिए अलग से प्रावधान कर सम्राट ने महिलाओं के प्रति नीतीश प्रेम को आगे बढ़ाया है ।
जैसा कि नीतीश ने।बिहार की बागड़ोर संभालते ही पंचायती राज में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण फिर बालिका साइकिल एवं पोशाक योजना छात्रवृति योजना समेत अनेक योजना चलाई जिसका लाभ उन्हें मिल रहा है ।यानि नीतीश जानते है को उनकी महिला वोटर खुश तो फिर किसी और की जरूरत कहां। यही वजह है सम्राट ने बजट में आधी आबादी के।लिए पिटारा खोल दिया है। लेकिन इसके अलावा चुनावी वर्ष होने के चलते हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ न कुछ देने की कोशिश की गई है।
सम्राट ने अपने बजट भाषण की शुरुआत में ही राजद पर निशाना साधा और बिहार का बजट आकर लालू राबड़ी शासन से करीब 15 गुणा ज्यादा बताया ।करीब 3 लाख17 हजार करोड़ रुपए का इस बजट का आकार पिछले साल की तुलना में करीब 38 हजार करोड़ रुपए अधिक है । जिस कृषि बाजार समिति की नीतीश सरकार के आने के साथ ही समाप्त कर दिया था उसका उद्धार फिर से करने का ऐलान सरकार ने किया है ।साथ ही एम ए स पी के तहत अब धान के साथ ही दलहन की खरीद भी सरकार करेगी । सुधा दूध के तर्ज पर तरकारी सुधा आउट लेट हर प्रखण्ड में कोल्ड स्टोरेज समेत अनेक योजना के मार्फत किसानों को रिझाने की कोशिश की गई है । शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के 358 प्रखंडों में डिग्री कॉलेज की स्थापना पीपीपी मोड में तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेगूसराय में कैंसर अस्पताल खोलने और निजी मेडिकल खोलने वाले की जमीन उपलब्ध कराने का भी ऐलान सरकार ने किया है । जबकि अब राज्य के किसी कोने से पटना पहुंचने का लक्ष्य 5 घंटे से घटाकर 4 घंटे करने का दावा सम्राट ने किया ।
लेकिन नीतीश और सम्राट के लिए जो सबसे बड़ी फायदेमंद योजना है कि अब सम्राट चौधरी और नीतीश के क्षेत्र के लोगों को हवाई जहाज पकड़ने के।लिए पटना नहीं आना पड़ेगा । यानि राजगीर , सुल्तानगंज और रक्सौल हवाई अड्डा अब राष्ट्रीय स्तर का होगा । जबकि वाल्मीकि नगर , भागलपुर पुराना , मुंगेर , मधुबनी , सहरसा मुजफ्फर पुर में 19 सीटों की क्षमता वाले ही हवाई जहाज चलेंगे । जबकि इस छोटे योजना में भी बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय सिंहा एवं विधान सभा में विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव का क्षेत्र कही नहीं है ।
यानि सम्राट और नीतीश आकाश में उड़ चले और विजय और तेजस्वी देखते रह गए । शायद यही वजह रही कि नीतीश ने 20 वर्षों में पहली बार किसी वित्त मंत्री को सदन में गले लगाया और पीठ थप थपाई। हालांकि जहां तक कैश भुगतान योजना की बात है तो हो सकता है कि सरकार की ओर से बजट एवं राज्यपाल के अभिभाषण पर अगर नीतीश सदन में अपने भाषण में कोई घोषणा कर दें तो कोई आचार्य नहीं । हालांकि इस बजट को तेजस्वी ने बोगस करार दिया है । लेकिन जो हो बिना ज्यादा कुछ खर्च किए सम्राट ने आधी आबादी को भरसक रिझाने कोशिश की है ।देखना है कि इसका कितना लाभ आगामी विधान सभा चुनाव में एन डी ए को।मिलेगा ।फिलहाल कह सकते है कि सम्राट वज़ीर नहीं सम्राट निकले।
लेखक : अशोक मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार सह संपादक