New Delhi : बिहार के पांच जिलों में बुलेट ट्रेन परिचालन को लेकर भारतीय रेलवे द्वारा काम शुरू कर दिया गया है. बताया जाता है की जमीन अधिग्रहण करने को लेकर बिहार की राजधानी पटना के 58 गांव में जमीन चिन्हित कर ली गई है. ताजा अपडेट के अनुसार बिहार में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर 260 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा. दावा किया जा रहा है कि अगस्त महीने तक डीपीआर बनाकर तैयार हो जाएगा.
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि 2 से 3 महीने के अंदर एजेंसी का चयन कर डीपीआर बनाया जाएगा. एग्रीमेंट के बाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर काम शुरू कर दिया जाएगा.
अधिकारियों का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार ने पटना होते हुए वाराणसी से कोलकाता तक बुलेट ट्रेन चलने का फैसला लिया है. अभी मुंबई से हैदराबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर तेजी से काम हो रहा है और इसके बाद वाराणसी पटना कोलकाता प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा.
केंद्र की मोदी सरकार ने दावा किया है कि 5 साल के अंदर बुलेट ट्रेन का परिचालन आरंभ हो जाएगा प्रथम पेज में वाराणसी से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन होते हुए आरा, बक्सर, पटना, गया से हावड़ा तक एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण किया जाएगा और दूसरे पेज में दिल्ली से वाराणसी तक निर्माण होगा.
कहा जा रहा है की जमीन अधिग्रहण के लिए पटना, आरा, बक्सर, जहानाबाद और गया में जमीन चिन्हित किया गया है. वाराणसी से हावड़ा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की लंबाई 799.293 केएम है.
पटना के फुलवारी शरीफ में बना है रेलवे स्टेशन
वर्तमान समय में बिहार को लेकर जो बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट बनाया गया है उसके अनुसार पटना में फुलवारी शरीफ एम्स के पास नए रेलवे स्टेशन का निर्माण किया जाएगा. पटना में लगभग 60 किलोमीटर एलिब्रेटेड ट्रैक बनेगा. कुल 58 गांव से इस रेलवे ट्रैक को गुजारा जाएगा.
कहा-कहा बनना है रेलवे स्टेशन
बनारस से गाड़ी खुलने के बाद दीनदयाल उपाध्याय बक्सर आरा पटना जहानाबाद गया. इसके बाद गाड़ी झारखंड में प्रवेश करेगी और कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह, धनवाद. वहीं पश्चिम बंगाल में बुलेट ट्रेन का स्टॉपेज पश्चिम वर्धमान, पूर्वी वर्धमान, हुगली और हावड़ा में दिया गया है.