बिहार में कलयुगी डाक्टर का कारनामा, बिल बढ़ाने के लिए डॉक्टर ने काटा मरीज का पैर, 99 लाख जूर्माना

BUXAR : पैसों के लालच में डॉक्टरी के पेशे को दागदार करने का मामला बक्सर में सामने आया है। जहां एक युवक ओंकारनाथ का पैर इलाज के दौरान काट देने वाले डॉक्टर से 99 लाख 76 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति के लिए जिला उपभोक्ता फोरम ने डॉक्टर व अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। अप्रैल 2015 में एक सड़क दुर्घटना के दौरान युवक के घुटने में चोट लगी थी। बेहतर इलाज के लिए बक्सर सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने बनारस रेफर कर दिया लेकिन एम्बुलेंस के ड्राइवर ने झांसा देकर उसे बनारस के मैक्सवेल प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया।

इलाज के दौरान यहां के डॉक्टर ने पैसों के लालच में बेवजह उसका पैर काट दिया। घायल होने के बाद से अबतक 35 लाख रुपये इलाज पर खर्च हो चुका है। ओंकारनाथ का इलाज फिलहाल बीएचयू वाराणसी से चल रहा है। ओंकार के परिजनों के मुताबिक उनपर 20 लाख रुपए कर्ज हो गए हैं। बीएचयू के डॉक्टरों ने इसी महीने बताया कि नकली पांव लगाने के लिए उसका पैर फिर से काटना पड़ेगा। क्योंकि लापरवाही से पैर काटे जाने के कारण कृत्रिम पैर लगाना सम्भव नहीं है।

ओंकार 2013 में जिला स्तरीय खो-खो प्रतियोगिता से चर्चित हुआ था। साल 2014 में उसने 1500 मीटर के रेस में भी बाजी मारी थी। MOIC की जांच में डॉक्टर को दोषी पाया गया। इसके बाद बक्सर औद्योगिक थाने में FIR दर्ज हुई लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाद में मामला उपभोक्ता फोरम पहुंचा जिसके बाद अब डॉक्टर को हर्जाने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

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