बदले स्वरूप में होगा बिहार में विधान चुनाव, इस बार संभव है वोटरों को बूथ पर न जाना पड़े : मोदी

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दावा किया है कि इस बार बिहार विधानसभा का चुनाव पूरी तरह बदले स्वरूप में हो सकता है। इस बार न तो हेलीकॉप्टर उड़ेगा, न ही नेता पहले की तरह घूम-फिर सकेंगे। सबसे बड़ा बदलाव तो यह हो सकता है कि मतदाताओं को बूथों पर जाने की जरूरत ही न पड़े।

इसके लिए चुनाव आयोग भी अध्ययन में जुटा है। मोदी मंगलवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में डिजिटल तकनीक ही मुख्य हथियार होगा। अबतक हेलीकॉप्टर की बड़ी भूमिका होती थी। पिछले 20-25 वर्षों से यह चुनाव अभियान का मजबूत पक्ष रहा है। लेकिन इस बार एेसा होता नहीं दिखता है। अब पुराने तौर-तरीके से चुनाव होना संभव नहीं दिखता। बड़ी भीड़, नेताओं के साथ हुजूम और बूथों पर लंबी कतार की संभावना कम ही दिखती है। कोरोना ने पूरी दुनिया बदल दी है। अबतक जिस तरह से चुनाव होता आया है, अब वैसा होना संभव भी नहीं दिखता।

लॉकडाउन में भी BJP हुई एक्टिव! कर रही ये ‘खास’ तैयारी ” कोरोना महामारी के बीच में तमाम राजनीतिक दलों की गतिविधियां पूरी तरह से रुक गई हैं। सबकुछ ठप पड़ गया है। जिस कार्यालय में शोर हुआ करता था, अब मातमी सन्नाटा छाया हुआ है। अब कोई भी दल न तो कोई बैठक कर रहे हैं। न कोई सभा हो रही है और ना ही प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। हालांकि कोरोना संकट में बीजेपी अपने संगठन का लगातार विस्तार कर रही है। बीजेपी (BJP) अपने सभी मंच मोर्चो को संगठित करने जुटी हुई है। इसको लेकर मंच मोर्चो ने अपने पदाधिकारियों की लिस्ट जारी करने शुरू कर दिए हैं।

सभी मंच मोर्चों को दिया गया निर्देश : लॉकडाउन शुरू होने से ठीक पहले प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपनी टीम की घोषणा की थी। जिसमें सभी पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की गई थी। उसमें जो मंच मोर्चो के संयोजक और अध्यक्ष बनाए गए उनको यह निर्देश दिया गया है कि वह जल्द से जल्द अपनी टीम बनाकर आलाकमान को लिस्ट सौपें।

लॉकडाउन में पदाधिकारी बनाने का निर्देश : नाम नहीं बताने के शर्त पर बीजेपी के एक नेता ने बताया बीजेपी चाहती है कि विधानसभा चुनाव की तैयारी में तमाम नेता जुट जाएं। इसलिए सभी मंच मोर्चों के अध्यक्षों को यह निर्देश दिया गया है कि वह अपने पदाधिकारियों की लिस्ट जल्द से जल्द बनाएं और तमाम पदाधिकारियों को चुनाव और संगठन से संबंधित कामों का बंटवारा करें। चूंकि लॉकडाउन में कोई मीटिंग नहीं बुलाई जा सकती है। इस लिहाज से यह तमाम काम टेलिफोनिक कॉन्फ्रेंसिंग और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निपटाए जा रही है।

युवा, किसान और महिलाओं पर फोकस : बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के निर्देश का असर यह हुआ कि पहले भारतीय जनता युवा मोर्चा ने अपनी टीम की घोषणा कर दी। उसके तुरंत बाद किसान मोर्चा ने अपनी टीम की घोषणा कर दी। फिर भाजपा महिला मोर्चा ने भी अपने पदाधिकारियों की लिस्ट जारी कर दी। महिला मोर्चा ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए महिला पदाधिकारियों की जाति तक बता दी। बीजेपी युवा, किसान और महिलाओं को इस लॉकडाउन में भी संगठन को मजबूत करने का टास्क देगा। आनेवाले विधान सभा चुनाव में युवा, किसान और महिलाओं पर बीजेपी फोकस करने वाली है।

संगठन को मजबूत बनाएंगे पदाधिकारी : बिहार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह ने बताया कि उन्होंने इस बार नीचे के कार्यकर्ताओ को संगठन में जगह दी है। उन्हें पदाधिकारी बनाया है।वहीं महिला मोर्चा की अध्यक्ष लाजवंती देवी ने सभी वर्ग को अधिकार देने की बात कहते हुए अपनी महिलाओ से बीजेपी संगठन को मजबूत करने की बात कही। किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सरोज रंजन पटेल ने बताया कि अपने टीम के जरिये किसानों के मसले को उठाएंगे और उनकी समस्याओं को हल करने प्रयास करेंगे।

लॉकडाउन में संगठन को मजबूत करने का लक्ष्य : लॉकडाउन की वजह से बिहार बीजेपी ने अपने कई कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है। यहां तक कि मार्च में राजगीर में होने वाला तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को भी स्थगित कर दिया गया था। इस प्रशिक्षण शिविर में पूरे बिहार के नए पदाधिकारी, नए जिलाध्यक्ष , नए कार्यकारिणी सदस्य शामिल होते हैं और उन्हें बीजेपी के कार्यशैली के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही अक्सर होने वाली बीजेपी की कार्यकारिणी की बैठक भी अभी तक नहीं हो पाई है। ऐसे हालात में जब बिहार में कुछ दिनों के बाद विधानसभा का चुनाव है और तमाम राजनीतिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं। तो बीजेपी ने निर्णय लिया है कि अपने संगठन को तब तक पूरी तरह से मजबूत किया जाए।

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