कोरोना के चंगुल से बाहर निकल सकता है बिहार, बस करना होगा ये काम

Patna: कोरोना के देशव्यापी कहर को देखते हुए लॉकडाउन कड़ाई के साथ तीन मई तक जारी रहेगा. सतर्कता, जांच और फिजिकल डिस्टेंङ्क्षसग का पालन करने के लिए सख्ती बढ़ गई है. इसी बीच आंकड़े और ट्रेंड बता रहे कि बिहार कोरोना को काबू में रख सकेगा और इस महामारी को परास्त करने में भी सफल होगा. शर्त यही है कि लॉकडाउन का कड़ाई से पालन हो, स्वच्छता और फिजिकल डिस्टेंङ्क्षसग जारी रहे व इस संबंध में किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो.

जनवरी में ही शुरू हुई लड़ाई

कोरोना के खिलाफ बिहार ने जनवरी महीने से ही रणनीति बनाकर लड़ाई शुरू कर दी थी. केंद्र सरकार की एडवायजरी के बाद नेपाल से लगती बिहार की सीमा के सात जिलों पर कड़ा पहरा बिठाया गया और नेपाल के रास्ते बिहार में प्रवेश करने वालों की स्कैङ्क्षनग शुरू की गई. दूसरी ओर गया और पटना हवाई अड्डों पर भी थर्मल स्कैङ्क्षनग की व्यवस्था की गई. इसके साथ ही राज्य के बाहर से आने वालों को मामूली शक पर भी होम क्वारंटाइन करने के नियम प्रभावी किए गए.

मार्च में मिला पहला केस

सरकार की कड़ाई और प्रयासों का ही नतीजा है कि बिहार में कोरोना का पहला पॉजिटिव केस मार्च महीने में मिला. यह व्यक्ति कतर से लौटा था. मुंगेर निवासी इस व्यक्ति की दोनों किडनी फेल थी और इसी के इलाज के लिए उसे पटना एम्स में भर्ती किया गया था. जहां जांच में इसके पॉजिटिव होने की बात सामने आई. इस व्यक्ति की वजह से मुंगेर, गया और पटना मिलाकर करीब 16 लोग संक्रमित हुए. इस कड़ी में बिहार में दूसरा मामला सिवान में मिला. ओमान से एक व्यक्ति पटना होते हुए छपरा के रास्ते सिवान तक गया. यह व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव था. इस व्यक्ति ने अपने परिवार समेत कुल 29 लोगों को संक्रमित किया.

सही समय पर जांच ने बदली तस्वीर

अप्रैल महीने की पहली तारीख आते-आते राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 23 पर पहुंच गई. इसके बाद सरकार और मुस्तैद हुई. व्यापक जांच शुरू हुई. राज्य में कोरोना जांच जहां एक लैब में हो रही थी उसकी संख्या बढ़ाकर पांच की गई. संक्रमित और संदिग्धों को क्वारंटाइन और आइसोलेट करने का काम युद्धस्तर पर चलने लगा. इसके बेहतर नजीते भी दिखे. आज राज्य में कोरोना के कुल 66 संक्रमित हैं, लेकिन इनमें से 29 लोग कोरोना को पराजित करने में सफल रहे हैं. यह संकेत हैं कि बिहार कोरोना के चंगुल से बाहर निकलने में सफल हो सकता है. बस लोगों को सरकार के निर्धारित नियमों का पालन करना होगा. स्वच्छता और फिजिकल डिस्टेंङ्क्षसग जारी रहे इसका विशेष ख्याल रखा जाए.

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