अभी-अभी : जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर BJP-JDU में महाभारत, बिहार की सियासत में बवाल

पटना. देश में दो बच्चों की जनसंख्या नीति को लेकर एक बार फिर से सियासत गरमाने लगी है. असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वसरमा ने जैसे ही घोषणा की कि उनके प्रदेश में कुछ चुनिंदा सरकारी योजनाओं का लाभ देने में दो बच्चों की नीति लागू की जाएगी देश में एक नई बहस छिड़ गई. लगे हाथों उतर प्रदेश से भी खबर आ रही है कि योगी सरकार भी तैयारी कर रही है कि उतर प्रदेश में सरकारी योजनाओं का लाभ उन्ही को मिलेगा जिनके दो बच्चे हैं.

उतर प्रदेश सरकार के विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण (Population Control Policy) के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है. जब असम और उतर प्रदेश (Uttar Pradesh) जैसे राज्यों से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की चर्चा तेज हुई तो बिहार से भी इस तरह के कानून बनाने की मांग शुरू हो गई है.

इस मसले को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने फ़ेसबुक पेज पर लिखा है कि असम के मा० मुख्यमंत्री ने जो बातें कही हैं, वो कहीं न कहीं देश हित में हैं. अगर किसी को बुरा लग रहा है तो शायद वो देश हित में नहीं सोच रहे हैं. बढ़ती जनसंख्या अभिशाप बन गई है. यह हिंदुस्तान को जंजीर से जकड़ रही है.

बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और दीघा के विधायक संजीव चौरसिया कहते हैं कि बिहार जैसे राज्य जिसके पास संसाधन बहुत सीमित है और आबादी बहुत ज़्यादा है, ऐसे में लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ ज़्यादा से ज़्यादा पहुंचे बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना ही चाहिए. अगर आबादी बढ़ती रही तो कई समस्या बढ़ जाएगी. समय की मांग है कि बिहार में भी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना ही चाहिए.

भाजपा के सहयोगी JDU के नेता जनसंख्या नियंत्रण कानून के सवाल पर सीधा जवाब देने से बचने की कोशिश करते दिखे. JDU को लगता है की इस मांग से एक खास धर्म विशेष के लोगों में प्रतिक्रिया हो सकती है. इसे देखते हुए बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण होना चाहिए लेकिन इसके लिए तमाम राजनीतिक पार्टियों की राय एक जैसी होनी चाहिए. किसी को भी इस कानून से परेशानी ना हो इसका भी ख्याल रखना चाहिए. कोई भी फैसला सर्वसम्मति से होना चाहिए अगर सबकी राय एक जैसी हो तो जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बात होनी चाहिए.

JDU के ही वरिष्ठ नेता नीरज कुमार कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर कोई क्या कर रहा है ये मुझे नहीं पता लेकिन बिहार में बढ़ती हुई आबादी को रोकने के लिए नीतीश सरकार ने महिलाओं को साक्षर बनाने के साथ साथ महिलाओं का सशक्तिकरण किया है. उसका नतीजा ये रहा है कि जनसंख्या बढ़ोतरी का जो दर है वो नियंत्रित हो रहा है.

राजद के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जो चर्चा हो रही है उसे आप ऐसे ही नहीं ना लागू कर सकते हैं. बिहार में तमाम राजनीतिक पार्टियों और समाज के हर तबके की राय शामिल होनी चाहिए. कोई भी फ़ैसला जल्दबाज़ी में नही लेनी चाहिए. कहीं ऐसा तो नहीं है कि ये फैसला किसी एक धर्म विशेष को ध्यान में रखकर किया जा रहा हो. वहीं कांग्रेस नेता और MLC प्रेमचंद्र मिश्रा कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण होना चाहिए लेकिन उसके लिए कोई क़ानून बनाने की ज़रूरत नही है.

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