पटना के IGIMS-मेदांता-PMCH में ऑक्सीजन की कमी, खाली है कोरोना मरीजों का 1000 बेड

पटना हाईकोर्ट में बुधवार को कोरोना मामले पर सुनवाई के दौरान तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। कमेटी ने बताया कि ऑक्सीजन की अनियमित आपूर्ति के कारण पीएमसीएच, आईजीआईएमएस और मेदांता अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए करीब हजार से ज्यादा बेड खाली पड़े हुए हैं। ऑक्सीजन की कमी व अनिश्चित आपूर्ति के कारण वहां के अस्पताल प्रशासन मरीजों को भर्ती नहीं कर पा रहे हंै। जहां पीएमसीएच में 1750 बेड की सुविधा है, लेकिन उसमें केवल 106 बेड ही कोविड मरीजों को मयस्सर है। आईजीआईएमएस में 1070 बेड की क्षमता के विपरीत 122 बेड ही कोविड मरीजों के लिए हैं। 500 बेड वाला मेदांता आज तक ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के इंतजार में शुरू नहीं हो पाई है।

कोरोना से मौत के आंकड़े जारी करने का आधार पूछाहाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि सूबे में कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़े जारी करने का क्या आधार व प्रक्रिया है। उसे कोर्ट के सामने स्पष्ट करें। राज्य मानव अधिकार आयोग के औचक नीरीक्षण रिपोर्ट भी देर शाम तक कोर्ट को पेश की गई, जिसपर गुरुवार चार बजे सुनवाई होगी।

सरकारी दावों पर संदेह था इसलिए कमेटी बनाईहाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट को सरकार की रिपोर्ट व बड़े-बड़े दावों पर संदेह था, इसलिए एक स्वतंत्र समिति से जांच करवाई। कमेटी की रिपोर्ट से यह साफ हो गया कि पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने सूबे में ऑक्सीजन सप्लाई का जो एक्शन प्लान कोर्ट को बताया, वह सही नहीं था। जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह एवम जस्टिस मोहित कुमार शाह की खण्डपीठ ने शिवानी कौशिक और गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि इन सभी अस्पतालों को 24 घंटे निर्बाध ऑक्सीजन सप्लाई के लिए त्वरित एक्शन प्लान कोर्ट कोर्ट को दें।

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